झूठ बोलकर सनसनी फैलाना भाजपा की फितरत बन गयी – कांग्रेस
रमन सिंह में साहस है तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की चुनौती स्वीकार करें
रमन सिंह के भ्रष्टाचारों की जांच ईडी कब करेगी?
रायपुर(12/10/2022) रमन सिंह में साहस है तो वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की चुनौती स्वीकार कर उनके द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर लगाये गये झूठे आरोपों का प्रमाण प्रस्तुत करें अन्यथा सार्वजनिक माफी मांगे। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी झूठ बोल कर राजनीति करने की कोशिश में लगी है। उनके राष्ट्रीय से लेकर प्रदेश तक के सभी छोटे-बड़े नेता झूठ बोल कर गलत बयानी करते है जब उसका प्रतिवाद होता है तब चुप्पी साध लेते है या विषय से अलग बयान देने लगते है। कुछ दिनों पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सार्वजनिक झूठ बोला था कि छत्तीसगढ़ में एक दिन में 72 आदिवासियों की मौत हो गयी जबकि प्रदेश में ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने झूठा बयान दिया कि पामगढ़ के भेंसोगांव एक गौठान में 90 से अधिक गायों की मौत हो गयी जबकि वहां पर चार गाय स्वाभाविक मौत से मरी थी। स्वयं रमन सिंह ने दो बार झूठ बोला पहला कि कांग्रेस ने शराबबंदी के लिये गंगाजल की कसम खाया था, दूसरा उन्होंने झूठा दावा किया कि प्रदेश में उन्होंने मुख्यमंत्री रहते 60,000 किमी सड़क बनवाया जबकि प्रदेश में 32833 किमी कुल सड़क है। भाजपा का हर झूठ कांग्रेस ने बेनकाब किया है। अब रमन सिंह झूठ बोलते-बोलत व्यक्तिगत आरोप लगाने लगे है इसीलिये उनके झूठ पर लगाम लगाने उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आरोप लगाया गया है तो उसको प्रमाणित करने का काम आरोप लगाने वाले का होता है जैसे रमन सिंह के ऊपर 36,000 करोड़ का नान घोटाले का आरोप लगा तो उसके समर्थन में नान डायरी आई। सवाल यह है कि 36 हजार करोड़ के नान घोटाले में जप्त डायरी में मैडम सीएम कौन थी? सीएम साहब और डॉक्टर साहब कौन थे? ऐश्वर्या रेसीडेंसी किनका पता था? पनामा पेपर वाले अभिषेक कौन है? नागपुर, लखनऊ और दिल्ली में किनको पैसे पहुंचाए जाते थे? रमन सिंह इसका जवाब दें।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि चिटफंड कंपनियों को बसाने और छत्तीसगढ़ के भोले भाले लोगों से साढे छः हजार करोड़ से अधिक की राशि के लूट में सहभागी बने रमन सिंह, उनके परिजन, रमन सरकार के दौरान के मंत्री और भाजपा नेताओ के खिलाफ़ ईडी कब कार्यवाही करेगी? आय से अधिक संपत्ति के मामले में अप्रैल 2022 में बिलासपुर हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के खिलाफ दायर याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। जस्टिस आरसीएस सामंत की एकल पीठ ने मामले में रमन सिंह, सीबीआई और ईडी, ईओडब्ल्यू को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब देने को कहा है। हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें बताया गया है कि डॉ. रमन सिंह ने साल 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी संपत्ति की जानकारी छिपाई है। उन्होंने शपथ-पत्र में गलत जानकारी दी है। याचिकाकर्ता ने इसके खिलाफ पहले ईओडब्ल्यू और एसीबी में कई बार शिकायत की। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह भी शिकायत है कि रमन सिंह के पुत्र पूर्व सांसद अभिषेक सिंह के नाम पर दो पैन कार्ड है। इन सब पर ईडी क्यों मौन है?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 2014 में केंद्र में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से प्रमुख विपक्षी नेताओं को घेरने के लिए जांच एजेंसियों का ज्यादा इस्तेमाल किया गया है। मोदी सरकार के 8 साल के शासन में 95 फीसदी मामले केवल विपक्षी दल के नेताओं के खिलाफ़ किए गए हैं। जो नेता भाजपा में शामिल हो गये उनके खिलाफ भाजपा ने जांच बंद करवा दिया। नारायण राणे, मुकुल राय, हेमंत बिसवा सरमा, येदुरप्पा, एकनाथ शिंदे जैसे दर्जनों नेता जिनके खिलाफ ई डी, आई टी और सीबीआई की कार्यवाही चल रही थी, बकायदा एफआईआर दर्ज है, भाजपा में शामिल होते ही सदाचारी हो गए सारे आरोपों से मुक्त हो गये।