टीबी चैंपियन कर रहे टीबी के प्रति जागरूक
रायपुर 17 अगस्त 2022, टीबी रोग के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से टीबी चैंपियंस द्वारा जिले में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है । इसी कड़ी में टीबी चैंपियन गीता बर्मन द्वारा पेट्रोल पंप पर काम कर रहे कर्मियों को टीबी की पहचान, लक्षणों, बचाव एवं उपचार के बारे में जागरूक किया गया ।
टीबी चैंपियन गीता बर्मन बताती है: ‘’ टीबी के प्रति लोगों में फैली नकारात्मक धारणा को खत्म करना अत्यंत आवश्यक है और लोगों को टीबी रोग की पहचान, लक्षण, बचाव एवं नियमित इलाज के बारे में जानकारी होना जरूरी है। लोगों को यह पता होना चाहिए कि टीबी का प्रसार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे होता है। लोगों तक यह सभी बातें बताने के उद्देश्य से ही ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।“
टीबी रोग मुक्ति के लिए राज्य में काम कर रही रीच संस्था के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर फ़िडियस केरकेट्टा ने बताया: ‘’राज्य को 2023 तक टीबी रोग मुक्त राज्य बनाने के लिए टीबी चैंपियंस के द्वारा लगातार जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है । टीबी चैंपियन वह लोग होते हैं जो पहले टीबी रोग से ग्रसित रहे और अब लोगों के बीच जाकर टीबी के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर कर रहे हैं। और टीबी चैंपियन के माध्यम से टीबी से ग्रसित मरीज़ को इलाज और बचाव के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। इसके अतिरिक्त टीबी चैंपियनके द्वारा टीबी रोगियों को मानसिक संबल भी प्रदान किया जाता है कि वह टीबी रोगियों को बताते हैं कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है, इसका पूर्ण उपचार कराने पर यह ठीक हो जाती है। जिसका उदाहरण खुद टीबी चैंपियन होता है इसके साथ ही टीबी मरीजों के परिवार के लोगों की भी काउंसलिंग करते है । जिससे उपचारित रोगी और उसके परिजन किसी प्रकार के मानसिक दबाव में न आएं और उपचार कराते रहें।“
कौन है टीबी चैंपियन
टीबी चैंपियन में ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाता है जो टीबी की बीमारी से पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुके हैं इसमें क्षेत्रीय लोगों को ही रखा जाता है ताकि यह लोग आसानी से लोगों के बीच समन्वय स्थापित कर टीबी के रोगियों की पहचान कर सकें और जल्द से जल्द नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों में उनकी जांच करा सकें और टीबी रोगियों की जल्द पहचान कर उनको उपचार उपलब्ध कराया जा सके।
ऐसे लक्षण है तो जरूरी है जांच
खांसी का दो सप्ताह या उससे अधिक समय से रहना, खांसते वक्त बलगम और खून का आना, भूख का कम लगना, वजन लगातार कम होना, शाम को तेज बुखार आना, छाती में दर्द आदि की शिकायत हो तो देर नहीं करते हुए तुरंत ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच करवाए और टीबी निकालने पर उसका इलाज शुरू करवाना चाहिए।