November 22, 2024

बजट 2018, आज खुलेगा वित्त मंत्री जेटली का पिटारा

0

नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली आज जब लोकसभा में मोदी सरकार का लगातार पांचवां बजट पेश करने को खड़े होंगे तो उनकी कोशिश अर्थव्यवस्था की सेहत सुधारने और अगले आम चुनाव से पहले जनता की उम्मीदों को साधने की होगी। आयकर और कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की बाट जोह रहे मध्यम वर्ग व उद्योग जगत को राहत देने के साथ-साथ वित्त मंत्री किसानों के आंसू पोछने के लिए खजाना खोल सकते हैं। साथ ही राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने के लिए विनिवेश से अधिकाधिक राशि जुटाने का लक्ष्य तय कर सकते हैं।

जेटली के समक्ष राजकोषीय अनुशासन और लोकलुभावन उम्मीदों के बीच संतुलन साधने की कठिन चुनौती होगी। साथ ही अधूरे वादों को पूरा करने का दबाव भी होगा। ये कारक आम बजट 2018-19 के बजटीय आवंटन और कर प्रस्तावों का स्वरूप तय करेंगे। इस बात के आसार कम ही हैं कि वित्त मंत्री राजकोषीय घाटे के इस साल के लक्ष्य 3.2 फीसद में कोई बदलाव करेंगे। ज्यादा संभावना इस बात की है कि इसे मौजूदा स्तर पर बनाए रखा जाएगा। पड़ोसी देशों के साथ बढ़ रहे तनाव को देखते हुए यह लगभग तय है कि सैन्य आधुनिकीकरण के लिए फंड में कोई कमी नहीं की जाएगी। सीमा के राज्यों में ढांचागत सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए भी इस बजट में कुछ खास घोषणाएं हो सकती हैं।

कृषि और किसान पर जोर:
विकास दर पांच साल के न्यूनतम स्तर पर है और कृषि क्षेत्र व ग्रामीण अर्थव्यवस्था संकट में है। ऐसे में बजट में किसानों को संकट से उबारने के उपायों पर फोकस के आसार हैं। किसानों को उनकी उपज के बाजार भाव में अचानक गिरावट से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए एक नई स्कीम मंडी आश्वासन योजना का एलान होने के पूरे आसार हैं। इसके तहत केंद्र और राज्य मिलकर किसानों को उनकी उपज के मूल्य और बाजार भाव के अंतर की भरपाई करेंगे। यह स्कीम गेहूं और धान के अलावा अन्य फसलों पर लागू करने की तैयारी है। इसके लिए एक कोष बनाया जा सकता है जिसमें केंद्र और राज्य मिलकर योगदान करेंगे। विशेष दर्जा प्राप्त पर्वतीय राज्यों के संबंध में केंद्र और राज्यों का योगदान 60:40 होगा जबकि सामान्य श्रेणी के राज्यों के संबंध में यह अनुपात 50:50 भी हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *