शांति की ओर लौट रहा है अब बस्तर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा में पत्रकार-वार्ता को किया संबोधित
‘भेंट-मुलाकात ने नए अनुभव दिए हैं, लोगों ने अपनी भावनाएं साझा की हैं’
रायपुर. 24 मई 2022. लोगों से भेंट-मुलाकात के लिए बस्तर संभाग के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज सवेरे दंतेवाड़ा में पत्रकार-वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि जब से होश संभाला हूं दंतेवाड़ा की यात्रा कर रहा हूं। महेंद्र कर्मा जी से मित्रता ने मेरे यहां के दौरे बढ़ाएं हैं। उन्होंने कहा कि मैं दंतेवाड़ा आने का कोई अवसर चुकता नही हूं। मुझे ख़ुशी है कि दंतेवाड़ा में परिवर्तन दिख रहा है। अब दंतेवाड़ा में लोग आ-जा रहे हैं। आवागमन की सुविधा बढ़ गई है। श्री बघेल ने कहा कि बस्तर अब शांति की ओर लौट रहा है। यहां पुलिस की पेट्रोलिंग भी बढ़ी है। एक समय यहां गोलियों और धमाकों की चर्चा आम थी, लेकिन अब दंतेवाड़ा डेनेक्स और दूसरी चीज़ों के लिए जाना जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पत्रकार-वार्ता में कहा कि भेंट-मुलाकात ने नए अनुभव दिए हैं। इस दौरान लोगों ने अपनी भावनाएं साझा की हैं। लोगों की सोच की उड़ान तेज़ हुई है। हमारी सरकार व्यक्ति के विकास पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि बस्तर प्राकृतिक सौंदर्य और भाईचारे की जगह है। यहां का दंतेश्वरी मंदिर, दशहरा और मुर्गा लड़ाई प्रसिद्ध है। अब लोग ख़ून-ख़राबे से ऊब गए हैं और शांति की ओर लौट रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हमने महुआ कलेक्शन का तरीका बदला है। अब महुआ इंग्लैंड जाने लगा है, 116 रूपए में बिक रहा है। लोगों की आय में बढ़ोतरी करने के लिए कोदो, कुटकी और रागी की खरीदी की व्यवस्था की गई है। आमदनी बढ़ाने के लिए समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले लघु वनोपजों की संख्या को सात से बढ़ाकर 65 किया गया है। वनोपजों की अच्छी कीमत मिले, इसके लिए उनका प्रसंस्करण कर रहे हैं। अमचूर और महुआ के मूल्य संवर्धन (Value Addition) से इनकी कीमत बढ़ी तो लोगों को ज्यादा कमाई हुई।
श्री बघेल ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि दंतेवाड़ा जैविक खेती वाला जिला बनने जा रहा है। डेनेक्स के कपड़ों की बिक्री के लिए कल पांचवा एमओयू हुआ है। अब ब्रिटेन और अमेरिका भी कपड़े भेजेंगे। उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा में लोगों की आय बढ़ने के साथ आवागमन की सुविधा का विस्तार हुआ है, रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। इन क्षेत्रों में अभी और काम करने की जरूरत है।