छत्तीसगढ़ में किडनी के मरीजों को निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा
लोगों को सस्ती और अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा रही सरकार
रायपुर. 13 अप्रैल 2022/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश में चिकित्सा सुविधा को सस्ती और अच्छी बनाने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। राज्य के बीपीएल राशन कार्ड धारकों को पांच लाख रूपए तक का कैशलेस इलाज मुहैया कराने के लिए डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना पहले ही शुरू की जा चुकी है। अब राज्य शासन के द्वारा किडनी के मरीजों के लिए निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा भी दी जा रही है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय नि:शुल्क डायलिसिस कार्यक्रम के तहत राज्य के आठ जिला अस्पतालों में ‘जीवन धारा’ नाम से निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जा रही है। किडनी रोगों से ग्रस्त मरीजों को लंबे समय तक बार-बार डायलिसिस कराना पड़ता है। इससे उन पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ता है। स्थानीय स्तर पर ही डायलिसिस की सुविधा मिलने से किडनी रोगों से पीड़ितों को अब दूर नहीं जाना पड़ रहा है। इससे मरीजों और उनके परिजनों के श्रम, धन और समय की भी बचत हो रही है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश के आठ जिलों दुर्ग, कांकेर, कोरबा, बिलासपुर, जशपुर, सरगुजा, महासमुंद और बीजापुर में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके लिए जशपुर, दुर्ग व कांकेर जिले में पांच-पांच, अंबिकापुर व महासमुंद में चार-चार, कोरबा में छह, बीजापुर में तीन एवं बिलासपुर में चार (सिम्स मेडिकल कॉलेज में तीन और बिलासपुर कोविड अस्पताल में एक), इस तरह कुल 36 मशीनों की स्थापना की गई है।
राष्ट्रीय निःशुल्क डायलिसिस कार्यक्रम के तहत अब तक आठ जिला अस्पतालों में कुल 23 हजार 129 डायलिसिस सेशन किए जा चुके हैं। इनमें से दुर्ग जिले में 4885, कोरबा में 4872, कांकेर में 4230, बिलासपुर में 3504, महासमुंद में 2631, सरगुजा में 1390, बीजापुर में 942 एवं जशपुर में 675 सेशन किए गए हैं।
निजी अस्पताल में एक बार डायलिसिस का खर्च 700 से 1200 रूपए, राज्य सरकार कर रही निःशुल्क
निजी अस्पतालों में एक बार डायलिसिस कराने का 700 रूपए से 1200 रूपए लगता है, जबकि राज्य शासन द्वारा निःशुल्क यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। विभिन्न जिलों के शासकीय अस्पतालों में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा से दूरस्थ क्षेत्र के लोगों को डायलिसिस के लिए दूर जाना नहीं पड़ रहा है। इससे उनका पैसा और समय दोनों बच रहा है।