November 23, 2024

कलेक्टर ने विभागीय अधिकारियों को दिलाई टीबी मुक्त भारत हेतु शपथ

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विश्व टीबी दिवस पर हुए जिले में विविध कार्यक्रम

बलौदाबाजार,टीबी के प्रति लोगों में जागरूकता लाने तथा शासन द्वारा इसके लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देने हेतु विश्व क्षय दिवस के अवसर पर पूरे जिले भर में विविध प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर डोमन सिंह ने सभी विभागीय अधिकारियों को सभा कक्ष में टीबी मुक्त भारत बनाने और टीबी मरीजों से किसी प्रकार का भेदभाव न रखने के संबंध में शपथ दिलाई। इसी कड़ी में बलौदाबाजार विकासखंड के सरपंचों को जिला पंचायत संसाधन केंद्र में टीबी रोग के संबंध में जानकारी देकर उन्हे उनकी भूमिका निभाने का आग्रह किया गया एवं जिला अस्पताल में उपचार लेकर ठीक हो चुके मरीजों को सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार अवस्थी के द्वारा श्रीफल एवं मिठाई के माध्यम से सम्मानित किया गया।इसी कड़ी में ग्राम रवान में अंबुजा ट्रक यार्ड में आने वाले ड्राइवर और अन्य स्टाफ की टीबी स्क्रीनिंग भी की गई।विकासखंड पलारी में भी मरीजों और मितानिनों को खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एफआर निराला ने सम्मानित किया। भाटापारा के ग्राम पेंड्री में जनप्रतिनिधियों के बीच परिचर्चा रखी गई और सिविल अस्पताल में मरीजों का सम्मान किया गया।बिलाईगढ़ में खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ सुरेश खुटे की उपस्थिति में स्कूली बच्चों के माध्यम से टीबी की रोकथाम और उसकी जागरूकता बाबत एक रैली भी निकाली गई। सिमगा में कन्या शाला के बच्चों हेतु कार्यक्रम किया गया। विकासखंड कसडोल में ठीक हो चुके मरीजों को सम्मानित करते हुए उन्हें श्रीफल और मिठाइयो से सम्मानित किया गया जबकि ऐसी मितानिन जिन्होंने टीबी के संबंध में उत्कृष्ट कार्य किया है उन्हें प्रशस्ति पत्र खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ अंजन सिंह चौहान द्वारा दिया गया। इसी तरह विश्व क्षय दिवस के अवसर पर भाटापारा सिविल अस्पताल में एक अनूठी पहल करते हुए गर्मी को ध्यान में रखते हुए मटके के शीतल जल की व्यवस्था आने वाले मरीजों के लिए की गई।
टीबी के संबंध में जानकारी देते हुए जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर ने बताया कि विश्व में टीबी या क्षय रोग एक बहुत बड़ी समस्या है। इससे भारत भी अछूता नहीं है। विश्व क्षय रोग रिपोर्ट 2020 के अनुसार दुनिया में टीबी के 26% मामले भारत में पाए गए अर्थात टीबी का हर चौथा मरीज भारतीय था। टीबी के कारण मरीजों की जान भी जाती है। इस स्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार ने वर्ष 2023 एवं भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक प्रदेश और देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।लोगों में इस रोग के प्रति जागरूकता और बचाव का संदेश देने के लिए प्रति वर्ष 24 मार्च को विश्व क्षय दिवस मनाया जाता है।।जिला क्षय अधिकारी डॉ राजेश कुमार अवस्थी ने बताया कि, टीबी रोग एक संक्रामक रोग है जो हवा के माध्यम से फैलता है किसी भी व्यक्ति को यदि 2 हफ्ते से अधिक की खांसी है शाम को हल्का बुखार है,भूख नहीं लगती वजन में कमी है छाती में दर्द है कभी-कभी बलगम के साथ खून आता है ,छोटे बच्चों के लिए वजन बढ़ना रुक जाता है ऐसी स्थिति में टीबी की आशंका होती है। ऐसे में मरीज को बिना विलंब किए नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में अपनी जांच करवाना चाहिए। कोई भी व्यक्ति जो टीबी का 6 महीने का डॉट्स का पूरा कोर्स करता है वह इससे पूरी तरह ठीक हो सकता है। इलाज न करवाने पर बीमारी का संक्रमण और फैलता है साथ ही उस व्यक्ति की जान भी जा सकती है। टीबी बाल और नाखून को छोड़कर शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है।
शासन द्वारा प्रदान की जा रही सुविधा
टीबी की जांच तथा उसका उपचार पूरी तरह से निशुल्क है । इसकी विशेष जांच के लिए सीबीनाटऔर ट्रूनाट मशीन जिला अस्पताल बलोदा बाजार और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसडोल में लगाई गई है । साथ ही एक्स-रे और माइक्रोस्कोप जांच की व्यवस्था भी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध है। इसमें मरीज को उपचार के दौरान पोषण आहार हेतु प्रतिमाह 500 रूपए की सहायता राशि ऑनलाइन खाते में ट्रांसफर की जाती है । एवं यदि समुदाय का कोई व्यक्ति जो किसी मरीज को जांच के लिए भेजता है और उसे टीबी पाई जाती है तो सूचना देने वाले व्यक्ति को भी 5 सौ रूपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके अतिरिक्त स्वयंसेवक जो 6 माह तक मरीज को दवाई का सेवन करवाता है उसे 1 हजार रुपये प्रदान किया जाता है। शासन के निर्देश के अंतर्गत हर विकासखंड में 2-2 टीबी मितान भी स्वयंसेवक के तौर पर रखे गए हैं। यह वह लोग हैं जो पूर्व में टीबी का उपचार ले चुके हैं और अब समाज में इस बाबत जागरूकता प्रचार प्रसार का कार्य करते हैं।
जिला बलौदा बाजार में वर्ष 2021 में 1179 टीबी के मरीज पाए गए। जिले में मरीजों को ठीक करने की सफलता दर 88 प्रतिशत है। शासन द्वारा टीबी के उन्मूलन हेतु प्रति लाख जनसंख्या में 40 या इससे कम केस का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में आलोक दुबे, कौशलेश तिवारी,खोगेश्वर पटेल, यशवंत पटेल, मदन विश्वकर्मा ,राम गोपाल साहू,राजेंद्र देवांगन ,आकाश सिदार, उमेंद्र वर्मा ,सुरेंद्र यादव,रामेश्वर, सिंह नेताम ,फत्तेलाल साहू, जितेंद्र कुमार टंडन, प्रीति कश्यप, राजकुमार चौबे,राकेश कुमार धृतलहरे ने सहयोग किया।

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