November 22, 2024

आत्मनिर्भर का खुला द्वार, आलू की खेती से महिलाओं को मिला रोजगार

0

एक सीजन में आलू की खेती से कमाए 1 लाख 40 हजार
रायपुर 24 फरवरी 2022, जशपुर जिले के इन महिलाओं को अब आत्मनिर्भर की राह में आगे बढ़ने का द्वार मिल गया है। पाठ इलाका होने और मौसम के अनुरूप आलू की खेती करने की सलाह मिलने के पश्चात महिलाओं द्वारा इस खेती का अपनाने का ही परिणाम है कि जय भवानी स्व-सहायता समूह की महिलाओं के खाली हाथों को रोजगार के साथ आमदनी भी होने लगी है। आलू की खेती से एक सीजन में हुई 1 लाख 40 हजार रुपए की आमदनी से महिलाओं को भी लगने लगा है कि आने वाले दिनों में आलू की खेती उनके लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है।

     बगीचा विकासखंड के सुलेसा गौठान की जय भवानी स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि प्रशासन के माध्यम से उन्हें आलू की खेती के लिए वैज्ञानिक सलाह के साथ वित्तीय एवं अन्य सहायता मिली। इसके बाद समूह की महिलाओं ने आलू की खेती करने का फैसला लिया। गौठान की चार एकड़ बाड़ी में लगभग 10 क्विंटल बरसाती आलू की खेती की गई। महिलाओं ने बताया कि मण्डी में थोक विक्रेताओं के पास आलू का विक्रय करने से उन्हें तुरंत पैसा भी मिल जाता है। समूह को इस खेती से सीजन अनुसार 1 लाख 40 हजार रुपए का लाभ प्राप्त हुआ। समूह की महिलाओं ने यह भी बताया कि बिहान योजना से 15 हजार रुपए और सूक्ष्म ऋण योजना से 60 हजार रुपए प्राप्त कर एक से अधिक गतिविधियांओं को बढ़ाने में मदद मिली। आजीविका गतिविधियों के रूप में एक से अधिक व्यवसाय के चयन से ही आज हमारा समूह आर्थिक रूप से मजबूत होने लगा है और 20 से 30 हजार रुपए का आर्थिक लाभ प्रतिमाह अर्जित कर रहा है। समूह द्वारा रेडी टू ईट निर्माण और उससे हुई आमदनी की बचत राशि को अन्य गतिविधियां संचालित करने में लगाया गया। सदस्यों के बीच आपसी लेन-देन व समय पर ऋण वापसी होने के कारण भी बचत राशि में इजाफा हुआ। अलग-अलग व्यवसाय का अपना कर आत्मनिर्भर की राह में आगे बढ़ रही जशपुर अंचल की महिलाओं को उम्मीद है कि आलू की खेती से उन्हें आने वाले समय में बड़ी आमदनी हासिल होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *