सूरजपुर जिले में लोटा प्रथा से लोगो को आज तक मुक्ति नही मिल पाई ? खुले में सौच को मजबूर ग्रामीण
सूरजपुर,केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का लाभ नही मिलने तथा आधा अधूरा निर्माण के कारण 50 प्रतिशत महिलाओं एवं पुरुस आज भी खुले में शौच करने को मजबूर है,,
कारण यह भी है कि गाँव गाँव मे स्वच्छ भारत मिशन व मनरेगा के तहत प्रत्येक घरों में एक शौचालय बनाकर पंचायतो एवम नगर पालिका ओ द्वारा हितग्राहियों को बनाकर देना था,,लेकिन शत प्रतिशत शौचालय के निर्माण पूरा हो जाने का खाखा तैयार कर राज्य सरकार केंद्र सरकार से अपनी पीठ तो थपथपा लिया और गाँव गाँव को ओडीएफ घोषित कर दिया गया किन्तु धरातल पर शौचालय निर्माण की दुर्दशा देखकर आप हैरान हो जागेंगे,शौचालय निर्माण में व्यापक स्तर की गड़बड़ी हुई है कहि दीवाल खड़ी किया है तो शीट नही सीट लगी तो छत नही,छत अगर है तो गड्ढे खुले हैं,कहि कहि तो नीव खोदकर फर्जी बिलिंग कर राशि निकाल लिया गया है।।ज्ञात हो सूरजपुर जिले में लगभग आधा दर्जन विकाशखण्ड हैं जहां पर सभी को एक साथ जोड़ा जाए तो लगभग 400 ग्राम पंचायतों में बमुश्किल प्रत्येक पंचायतों में70 से 80,शौचालय की निर्माण नीव आज तक नही खोदा गया और कागजों में निर्माण पूर्ण हो चुका है,,,
उल्लेखनीय है कि अगर जिनके शौचालय का निर्माण करा दिया गया उसके लिए पानी की व्यवस्था नही है,,इतना घटिया बना दिया गया कि दरवाजा भी निम्न होने के कारण टूट रहे है तो अधिकांश टूट चुके ऐसी स्तिथि में घर की माँ बहन किस तरह शौचालय का उपयोग कर रहे होंगे यह समझ से परे है।।गौरतलब यह है कि जिनके शौचालय नही बने उन हितग्राहियों द्वारा कलेक्टर तक को जनदर्शन में हजारों शिकायत किया गया लेकिन सिस्टम में बैठे आलाधिकारियों के कारण अधूरा शौचलय बनाने आज भी लोग इन्तेजार कर रहे किन्तु शिक़ायत पेटी तक ही शिकायत खत्म हो जाता है,,लेकिन इस महत्वाकांक्षी योजना पर बट्टा लगा दिया गया आज यह शौचलय में घरों के लोग कबाड़,कोयला,या अपने कबाड़ रुम के लिए आरक्षित किये हुए हैजिसके कारण आज घर घर की माँ बहन खुले में शौच करने मजबूर हैं,,
शौचलय बनाने के वक्त महिलाओ व किशोरियों में काफी उत्साह था कि अब उन्हें घर से बाहर नही जाना पड़ेगा लेकिन धरातल के विधाताओं ने समूचा योजना की पलीता लगा दिया आपको बता दु की जो शौचलय संचालित थे उनके दोनों टँकी भरने के कारण अब ओ लोग भी खुले में शौच करने जा रहे,,,जिससे बरसात ओर गर्मी के दिनों में जहरीले जीव जंतुओं और आदमखोर जानवरो का डर बना रहता है,,चुकी यह जिला जंगलो से घिरा होने के कारण भालू,हाथी, सियार जैसे कई जंगली जानवरों का विचरण करना कोई नई बात नही है,,खुले में शौच के कारण कई महिलाओं और पुरुषों की जान जानवरो व जहरीले जीवो के काटने से हो चुका है ,,,परंतु जिला प्रसाशन के लचर व्यवस्था के कारण आज भी लोगो को लौटा प्रथा से मुक्ति नही मिल पाया है।।
जबकि यह योजन खासकर महिलाओं के लिए मिल का पत्थर साबित करने वाला था,लेकिन महज कुछ सालों में इस योजना का लाभ अब मिलना बंद होने के कारण अब तरह तरह की बीमारी की खुली चुनोती भी देखने सुनने को मिल रहा है।।जिले सहित ग्रामीण अंचलों में अधूरे तथा खराब पड़े शौचलय का पुनः निर्माण कराने की आवश्यकता महसूस किया जा रहा है,,,,
ग्रामीणों ने खबर के माध्यम से जिला प्रसाशन व राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित कराते हुए उक्त शौचलय का निर्माण कराने की पहल कराने की माग नगर वासियो ने कि है।