ज्योतिरादित्य सिंधिया झूठ बोल रहे मोदी सरकार नहीं चाहती छत्तीसगढ़ में विमान सेवा की बढ़ोतरी
सत्ता लोलुप सिंधिया जिसे भ्रष्टाचारी बता रहे तब खुद भी मंत्री थे
रमन के नाम घोटाले की याद सिंधिया को अभी आ रही
रायपुर/05 फरवरी 2022। कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा राज्य सरकार पर लगाये गये आरोपों को मनगढ़त और झूठा बताते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सत्तालोलुप्ता में दलबदल करने वाले सिंधिया मोदी की चाटुकारिता में सच बोलने की क्षमता भूल गये सिंधिया झूठ बोल रहे कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में विमान सेवा के लिये सहयोग नहीं कर रही। सिंधिया को अपने मंत्रालय के दास्तावेजों को पढ़ना चाहिये राजधानी रायपुर के स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनेकों बार पत्र लिख कर मांग किया। सिंधिया को अपने पहले के विमानन मंत्री पुरी जी से पूछना चाहिये। मुख्यमंत्री ने बिलासपुर और जगदलपुर तथा अंबिकापुर से नियमित घरेलू उड़ान शुरू करने के लिये केंद्रीय विमानन मंत्रालय को आधा दर्जन से अधिक बार पहल कर चुके है। बिलासपुर हवाई अड्डे को राज्य सरकार ने अपने खर्च पर तैयार कर उडययन मंत्रालय को दिया है। सिंधिया की नीयत छत्तीसगढ़ को सुविधा देने की नहीं है। वह भी अपने आका मोदी की तरह लफ्लाजी कर रहे थे।प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने सिंधिया मतिभ्रम के शिकार हो गये है। अपने नये दल की पुरानी सरकार के मुख्यमंत्री रमन सिंह के नान घोटाले की याद उन्हें आ रही है इसीलिये वे छत्तीसगढ़ पीडीएस में घोटाले के झूइी बात कर रहे है।प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि दलबदलू सिंधिया को 2014 के पहले के भारत में भ्रष्टाचार दिख रहा था तब उनकी आत्मा कहां मर गयी थी? जब वे यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में सरकार के अंग थे तब उन्होंने कथित भ्रष्टाचार का विरोध क्यों नहीं किया। तब तो कांग्रेस सरकार के मंत्री के रूप में कांग्रेस सरकार के सुशासन में कसीदेपढ़ रहे थे। सत्ता के लालच में दलबदल करने के बाद उन्हें 2014 के पहले का भारत भ्रष्टाचारी नजर आ रहा है। उसी 2014 के पहले भारत में कांग्रेस की सरकार में उनके पिता भी कांग्रेस के मंत्रिमंडल में मंत्री थे तो क्या उनके स्व. पिता भी भ्रष्टाचारी थे? ज्योतिरादित्य को स्पष्ट करना चाहिये।