November 22, 2024

अब भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए ‘न्याय’

0

सांसद श्री राहुल गांधी 3 फरवरी को करेंगे ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ का शुभारंभ

भूमिहीन कृषि मजदूरों को प्रतिवर्ष मिलेगी 6 हजार रुपए की मदद

3 लाख 55 हजार हितग्राहियों को मिलेगी प्रथम किश्त की राशि

रायपुर, 31 जनवरी 2022/ छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद ‘न्याय सब्बो बर-सब्बो डहर’ के ध्येय को लेकर योजनाएं लागू की जा रही हैं और उनका क्रियान्वयन भी किया जा रहा है। विभिन्न वर्गों के लिए ‘न्याय’ की कड़ी में अब ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार के लिए ‘न्याय’ मिलने जा रहा है। इस योजना की शुरुआत आगामी 3 फरवरी को होगी। सांसद श्री राहुल गांधी राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में इस योजना का शुभारंभ करेंगे। राज्य सरकार द्वारा शुरू की जा रही इस योजना के तहत ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार को प्रति वर्ष 6 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके लिए राज्य के अनुपूरक बजट में 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। कार्यक्रम में सांसद श्री राहुल गांधी योजना के लिए पात्र 3 लाख 55 हजार भूमिहीन कृषक मजदूरों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों राशि अंतरण करेंगे।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की आबादी में 70 फीसदी आबादी कृषि कार्यो से जुड़ी है। खेती-किसानी के कार्यो में काफी संख्या में कृषि मजदूरों जुड़े होते हैं। इनमें से कई ऐसे कृषि मजदूर हैं जिनके पास स्वयं की कृषि भूमि नहीं है और वे दूसरों की कृषि भूमि में श्रमिक के तौर पर काम कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इन्हीं भूमिहीन कृषि मजदूरों की समस्या को समझा और उन्हें आर्थिक संबल देने के लिए ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ लागू करने की घोषणा की। योजना के लिए 1 सितंबर 2021 से 30 नवम्बर 2021 तक भूमिहीन कृषि मजदूरों का पंजीयन किया गया। साथ ही हितग्राहियों की पहचान करने एवं उन्हें वार्षिक आधार पर अनुदान उपलब्ध कराने के लिए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से सभी जिला कलेक्टरों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ का लाभ लेने के लिए अब तक 3 लाख 55 हजार हितग्राहियों ने पंजीयन कराया है।
इसलिए योजना –
छत्तीसगढ़ राज्य में ग्रामीण आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि कार्यो से जुड़ा है। कृषि कार्यो में गांव में कई भूमिहीन परिवार कृषि मजदूरी का कार्य करते हैं। राज्य में खरीफ सत्र में ही कृषि मजदूरी के लिए पर्याप्त अवसर होते हैं, लेकिन रबी सत्र में फसल क्षेत्राच्छादन कम होने के कारण कृषि मजदूरी के लिए अवसर कम हो जाते हैं। इसमें से कई कृषि मजदूर भूमिहीन हैं, जिनके पास अपनी स्वयं की भूमि नहीं है। ऐसे में यह योजना भूमिहीन परिवारों के लिए एक बड़ा सहारा साबित होगी।
योजना के लिए यह होंगे पात्र –
योजना के अंतर्गत पात्रता केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को होगी। ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी और पुरोहित जैसे पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे। इस योजना के हितग्राहियों के लिए आवश्यक शर्त यह है कि हितग्राही परिवार के पास कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए। आवासीय प्रयोजन के लिए धारित भूमि कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी।
राज्य की एक और महत्वपूर्ण योजना –
बता दें कि ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ राज्य की एक और महत्वपूर्ण योजना है जिसके जरिए ग्रामीण भूमिहीन मजदूरों को सीधे आर्थिक मदद मिलेगी। राज्य सरकार ने इस योजना सेे पहले ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ और ‘गोधन न्याय योजना’ लागू की हैं, जिनकी चर्चा देश-दुनिया में हो रही है। ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के जरिए किसानों को फसल विविधीकरण एवं उत्पादन व उत्पादकता को बढ़ाने के लिए इनपुट सब्सिडी के रूप में बड़ी धनराशि दी जा रही है। किसानों को ऐसी मदद देशभर में कोई भी राज्य सरकार नहीं कर रही है।
वहीं ‘गोधन न्याय योजना’ के जरिए राज्य के गोपालकों, किसानों से दो रुपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी कर उन्हें सीधा लाभ दिया जा रहा है। इस योजना में खरीदे गए गोबर से गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट जैसे उत्पाद बनाए जा रहे हैं, जिससे जैविक कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में काम हो रहा है। साथ ही कई महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा गौ-कास्ट, दीये, गमला समेत अनेक उत्पाद बनाए जा रहे हैं, जिससे स्व-सहायता समूहों की महिलाओं व उनके परिवार को आर्थिक संबलता और समृद्धि मिल रही है। अब तो गोबर से बिजली उत्पादन भी शुरू हो चुका है। वहीं दीवार रंगने के लिए पेंट बनाने की दिशा में भी काम हो रहा है।
वर्जन –
हमारी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी के सपनों के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्र के गरीब तबकों को सीधे मदद पहुंचाना चाहती है। इसे हम राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के माध्यम से पूरा करने जा रहे हैं। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए ऐसी योजना लागू की है। जिस तरह से किसानों को मिली आर्थिक मदद ने बाजार को संबल दिया है, उसी तरह से भूमिहीन कृषि मजदूरों को मिली आर्थिक मदद भी ग्रामीण अंचल में अर्थव्यवस्था को गति देने का माध्यम बनेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *