न्याय की तीसरी बयार भूमिहीन ग्रामीणों के साथ भी होगा न्यायः कांग्रेस
राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना से मजदूरों के साथ गांव में रहने वाले लोहार बढ़ाई मंदिरों में पूजा करने वाले पुजारियों को मिलेगा आर्थिक मदद
रायपुर/ 25 जनवरी 2022। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार 26 जनवरी से राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की शुरुआत कर ग्रामीण व्यवस्थाओं में सहयोगी कृषि कार्यो की सहयोगी भूमिहीन कृषि मजदूर, लोहार ,नाई ,ग्राम पुजारियों के परिवार को आर्थिक मदद करने की शुरवात कर रही है। इसमें 4 लाख 50हजार पंजीकृत भूमिहीन परिवारों को आर्थिक मदद देने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याय योजना की शुरुआत की है, जिसके लिए 200 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है।योजना के माध्यम से उन मजदूरों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है जिनके पास अपनी जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा भी नहीं है और न ही आय का कोई अन्य साधन है। चरवाहा, बढई, लोहार, मोची, नाई, धोबी और पुरोहित जैसे पारंपरिक काम से जुड़े लोगों को भी इस योजना में शामिल किया गया है। ऐसे लोगों के उपर आर्थिक संकट हमेशा बना रहता था, इस संकट को हमेशा के लिए दूर करने हेतु यह योजना शुरू की गई है।भूमिहीन मजदूरों के लिए शुरू की गई यह देश की पहली और एकमात्र योजना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की पहली किश्त 4 लाख 50 हज़ार भूमिहीन मज़दूरों को जारी की जाएगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार जनता के प्रति अपने उत्तरदायित्व का बेहतर ढंग से निर्वहन कर रही है जनता ने जिस विश्वास के साथ कांग्रेस को चुना उस विश्वास को पूरा कर रही है। राज्य निर्माण के बाद 15 साल तक भाजपा की सरकार रही उस दौरान किसान, भूमिहीन कृषि मजदूर गांव में रहने वाले लोहार बढाई नाई ग्राम पुजारियों परिवारों के बारे में कभी भी सोचा नहीं गया था। कांग्रेस सरकार बनने के बाद सभी वर्गों के साथ न्याय किया जा रहा है जब न्याय की बात होती है तब उस वर्ग थे शिक्षा दीक्षा स्वास्थ्य रोजगार की समस्यों को दूर करना सहित आर्थिक मदद करना ही न्याय होता है और यह काम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार बीते तीन वर्ष से कर रही है राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ के 22 लाख 66 हजार धान बेचने पंजीकृत किसानों के अलावा गन्ना मक्का कोदो कुटकी रागी दलहन तिलहन फलदार वृक्ष और सब्जी लगाने वाले किसानों को भी आर्थिक प्रोत्साहन राशि देकर कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाने और कृषि को प्रोत्साहन देने की सबसे बड़ी योजना देश में बनकर उभरी है जिसके माध्यम से प्रति एकड़10हजार रु की आर्थिक प्रोत्साहन सहायता दी जा रही। गोधन न्याय योजना 2रु किलो की दर से गोबर खरीद कर ग्रामीण क्षेत्रों के महिलाओं को पशुपालकों को गोठनों को आर्थिक मदद करना और गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर कृषि लागत को कम करना साथ में महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से गोबर से दीया गोकास्ट पेंट और अन्य सामग्री का निर्माण कर आर्थिक लाभ दिलाने की योजना है। जिसका लाभ गोपालको के साथ-साथ पशुधन को भी हो रहा है जो पशुधन सड़कों पर भटक रहे थे दुर्घटना का शिकार होते थे उन्हें गोपालक घरों में रखते हैं और उस के माध्यम से लाभ कमा रहे हैं।