बिहार : आधार के कारण 28 लाख पेंशनर बुजुर्ग हो गये बे-आधार!
पटना : आधार कार्ड की अनिवार्यता ने बिहार में बुजुर्गों की संख्या में 28 लाख की कमी ला दी है. वित्तीय वर्ष 2014-15 से लेकर 2016-17 तक यानी तीन सालों में यह बड़ी कमी आयी है. जहां 2014-15 में बिहार में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत इंदिरा गांधी पेंशन पाने वाले बुजुर्गों की संख्या 46 लाख 50 हजार 766 थी. 2015-16 में इनकी संख्या 44 लाख 78 हजार 190 हो गया. इसके बाद पेंशनधारियों की यह संख्या 2016-17 में यह आंकड़ा अाश्चर्यजनक रूप से घटकर 17 लाख 85 हजार 549 हो गयी है. इस तरह इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंशन पाने वालों की संख्या 28 लाख तक गिर गयी है.
सरकार के पास नहीं है राशि
केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल, 2016 से इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंशन योजना में आधार की अनिवार्यता लागू कर दी थी. इस नियम के तहत सभी पेंशनधारियों के खाते में पेंशन की राशि निर्गत करने के लिए काम शुरू हुआ. इसमें पहले बुजुर्गों के आधार को बनाने का काम शुरू हुआ.
आधार से बैंक खाते को जोड़ा गया और इसके बाद जिनका आधार से जुड़ गया उन्हें ही राशि देने का आदेश किया गया. हालांकि अप्रैल, 2018 से आधार आधारित भुगतान को पूरी तरह लागू करना है लेकिन बिहार में इसका काम सही ढंग से नहीं हुआ है. बिहार में पेंशन बंद कर दिया गया है क्योंकि सरकार के पास इसके लिए राशि ही नहीं है.