छत्तीसगढ़ भंडारदेई गांव में 50 सालों से बिजली और पानी नहीं मिला, ढोड़ी का पानी पी रहे पूरबपारा में भी बिजली नहीं
भंडारदेई गांव का अजीब बंटवारा, एक हिस्से को न पंचायत अपना मान रही न निगम .
* चिरमिरी के वार्ड क्रमांक 25 में आता है भंडारदेई गांव. सालो से मूलभुत सुविधाओ के लिए तरस रहा गांव . केवल चुनाव के समय आती ही याद,
चिरमिरी – शहर की पहाड़ियों के तराई में बसा खूबसूरत गांव भंडारदेई का अजीब बंटवारा हुआ। बंटवारे के बाद गांव के दो मोहल्ले मौहारीपारा और अगरीयापारा न पंचायत का हिस्सा रहे न नगर पालिका के। गांव के बीच से होकर सड़क गुजरी है। सड़क के उस पार के हिस्से को ग्राम पंचायत की सभी सुविधाएं मिलती है वहीं दूसरा हिस्सा बंटवारे का दंश झेल रहा है।
वोटों की राजनीति में भंडारदेई गांव ऐसा उलझा है कि चुनाव के बाद न तो नगर पालिका उसे अपना हिस्सा मानता है और न ही पंचायत। मौहारीपारा और अगरीयापारा के लोग लोकसभा और विधानसभा चुनाव में चिरमिरी नगरपालिका में वोट जरूर डालते हैं। इसी वजह से पंचायत इसे अपना हिस्सा नहीं मानता। वहीं मोहल्ला ग्राम पंचायत में है इसलिए नगर पालिका यहां विकास कार्य नहीं कराती। ऐसे में वोटर्स के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले इन मोहल्लाें का पंचायत और निगम के नक्शे में कोई निशान तक नहीं है।
नगर पालिका से लगे 475 लोगों की आबादी वाले भंडारदेई में 54 परिवार रहते हैं। यहां के मौहारीपारा व अगरीयापारा के लोग नगर पालिका निगम चिरमिरी के वार्ड न. 25 में वोट डालने जाते हैं। लेकिन सुविधा देने के समय उन्हें पंचायत में गिना जाता है।
ग्रामीणों की वोटर आईडी में चिरमिरी काॅलरी लिखा ..?
भंडारदेई के अगरीयापारा व मौहारीपारा मोहल्ले में लोगों के वोटर आईडी में चिरमिरी काॅलरी लिखा है। वैसे ही गोदरीपारा के आजाद नगर और एकता नगर सहित बरतुंगा के अधिकतर लोगों के वोटर आईडी में ग्राम भंडारदेई लिखा हुआ है। लेकिन सुविधावों के नाम पर कुछ नहीं मिला आज तक केवल चुनाव के समय अपने निजी वाहनों में भर कर वोट डालने के लिए इस्तेमाल किया गया है ।
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ग्राम भुकभुकी से लगे पूरब पारा में भी आज तक बिजली नहीं आई। बीडीसी सदस्य उर्मिला देवी व ग्रामीणांे ने ग्राम सुराज और जनदर्शन में कई बार आवेदन किया है।
गांव को बसे 50 साल से अधिक समय हो चुके हंै। रात में चिरमिरी शहर रोशनी देखकर भंडारदेई के ग्रामीण आज भी सोचते हैं कि कब हमारे यहां बिजली आएगी। 475 की आबादी वाले इस गांव में कभी बिजली नहीं आई। शिक्षा के नाम पर मात्र एक प्राथमिक शाला है। आगे की पढ़ाई के लिए बच्चों को चार किलोमीटर दूर दुबछोला और खड़गवां जाना पड़ता है। मिट्टी की सड़क और नहरों में पुल तक नहीं है। आने जाने के लिए लोगों ने बोरियों में रेत भरकर रास्ता बनाया है।
सभी परेशान, आखिर भंडरादेई किसकी जिम्मेदारी ..?
हरभजन सिंह, पार्षद, वार्ड 25 – चिरमिरी ये बहुत ही दुविधाजनक स्थिति है। भंडारदेई के लोग यहां वोट डालने आते हैं, मुझे मालूम है। मुझे तो उनका वोट लेने में भी शर्म आती है। जब मैं उनके लिए कुछ कर नहीं सकता तो उनका वोट मुझे नहीं लेना चाहिए। शुरुआत में बरतुंगा, गोदरीपारा क्षेत्र भंडारदेई के अंतर्गत ही आते थे। जब धीरे-धीरे इन क्षेत्रों का विकास हुआ तो इन्हें भंडारदेई से अलग कर दिया गया।
इस क्षेत्र का विकास कौन करेगा समझ से परे ...?
हरि सिंह, सरपंच दुपछोला ग्राम –
कई सालों से इस मोहल्ले को देखता आ रहा हूं। मुझे खुद समझ में नहीं आता आखिर इस माेहल्ले के लाेग किस क्षेत्र के स्थाई निवासी हैं। वोट डालने लगभग 60 लोग नगर निगम क्षेत्र चिरमिरी के वार्ड क्र. 25 में जाते हैं। बाकि हिस्से के लोग पंचायत क्षेत्र में ही अपना मतदान करते हैं। ऐसे में क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी आखिर किसकी है। ये अभी भी समझ से परे है।
1 – मुझे ज्यादा समय नहीं हुआ है इस पद पर पदस्थ हुए संबंधित अधिकारियों को भेज कर मामले की जानकारी लेते हुए वहाँ के लोगो को सर्व प्रथम सुविधाए उपलब्ध कराना हमारी पहली प्रार्थमिकता होगी ।।
बी एल सुरक्षित आयुक्त नगर निगम चिरमिरी
अंकुश गुप्ता जोगी एक्सप्रेस छत्तीसगढ़