जानिए सूरजपुर जिले का कौन सा ब्लॉक है भ्रष्टाचार में नम्बर वन प्लस:नेताओ के सामने भीगी बिल्ली बने अधिकारी
अधिकारी मूकदर्शक बन भ्रष्टाचार में दे रहे साथ
(अजय तिवारी ,सम्भागीय ब्यूरो)
ओड़गी:जनपद पंचायत कार्यालय ओड़गी अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों में वित्तीय अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार चरम सीमा पार कर चुका है।सरपंच सचिव द्वारा शासकीय राशि का किन किन तरीको से बंदरबाट किया गया है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण कोई भी व्यक्ति ब्लॉक के किसी भी ग्राम पंचायत में जाकर आसानी से देख सकता है ।इन भ्रष्टाचार एवं अनियमिताओं के पीछे एक मुख्य कारण सत्ताधारी एवं विपक्षी राजनैतिक पार्टियों के छुटभैया नेताओ द्वारा सम्बन्धित अधिकारियो पर कसा जाने वाला शिकंजा भी है ।
फर्जी प्रस्ताव बनाकर किया जाता है पैसो का आहरण
ग्रामपंचायतो में विभिन्न योजनाये संचालित है जिसके सुचारू रूप से क्रियान्वयन हेतु शाशन द्वारा लाखो रूपये का वित्तीय बजट दिया जाता है जिसको आहरण एवं खर्च करने का अधिकार सरपंच सचिव को प्राप्त होता है
यहीं नही सरपंच सचिव द्वारा राशि आहरण हेतु बनाये गए प्रस्ताव में उस ग्रामपंचायत के
पंचो एवं उपस्थित सदस्यो की सहमति के रूप में हस्ताक्षर होना अनिवार्य है लेकिन यहां पर सभी वार्डो के पंचो के नाम तो जरूर लिखे हुए होते है किंतु उसमे से एक भी व्यक्ति का हस्ताक्षर उस प्रस्ताव में कहीँ पर नही दीखता , दीखता हैं तो सिर्फ उनके नाम के आगे हस्ताक्षर की जगह सत्यप्रतिलिपि लिखा हुआ जिससे पूर्ण रूप से स्पष्ट होता की सरपंच सचिव द्वारा फर्जी प्रस्ताव बनाकर बिना किसी को जानकारी दिए ही राशियों का आहरण किया जाता है।
अधिकारियो की भी है मिलीभगत
सरपंच सचिवो को ब्लाक मुख्यालय में विराजमान अधिकारियो का भी पूर्णरूपेण संरक्षण प्राप्त है क्योंकि इन साहबो को उनके द्वारा प्रत्येक कार्य में बंधा बंधाया कमीशन मिलता है जिस कारण इनके द्वारा सरपंच सचिव के विरुद्ध शिकायत प्राप्त होने के पश्चात भी कोई कार्यवाही नही की जाती है जिससे उनके हौसले बुलन्द रहते है।
बिना कार्य पूर्ण किये ही हो जाता है पूरा भुगतान
सरपंच सचिव पर ब्लॉक मुख्यालय में बैठे अधिकारी इस कदर मेहरबान है कि उनके द्वारा कराए गए आधे अधूरे निर्माण कार्य किये जाने पर भी फर्जी तरीके से फोटो लगवाकर कार्यपूर्णता प्रमाणपत्र जारी कर साहबो द्वारा भुगतान कर दिया जाता
है तो कहीँ कहीँ पर कार्य से ज्यादा मूल्यांकन कर राशियों का बंदरबाट भी किया जाता है।
पसंदीदा सचिवो को दिया गया है कई ग्राम पंचायतो का प्रभार
वहीं अगर सूत्रों की माने तो तो सीओ साहब द्वारा अपने
अपने पसंद के सचिवो को एक ग्राम पंचायत के साथ साथ अन्य ग्राम पंचायत का प्रभार दिया गया है ।उनका यह भी कहना है कि साहब द्वारा ऐसा करने के पीछे एक मात्र कारण अपने निजी लाभ की पूर्ति करना ही करना ही है।
दलाली प्रथा पर निर्माण कार्य भी भ्रष्टाचार का एक कारण
ग्रामपंचायतो में वित्तीय अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार होने के पीछे एक मुख्य कारण सरपंच सचिवो द्वारा दलाली प्रथा पर निर्माण कार्य कराया जाना भी है ।इनके द्वारा दलालो को अपना कमीशन लेकर निर्माण कार्य करने को सौप दिया जाता है जिसके पश्चात उस व्यक्ति द्वारा ही उस कार्य को पूर्ण किया जाता है ।यहां पर स्पष्ट है कि यदि कोई व्यक्ति पहले कमीशन देकर काम कर रहा है तो वह उस दिए गए कमीशन के साथ ही अपने हक के लिए भी उस दिए गए कमीशन के बराबर ही बचाने का प्रयास करेगा।यहीं नही ताज्जुब की बात तो इन दलालो का साहब से भी तगड़ा सेटिंग होता है । जाहिर है कि अब उस निर्माण कार्य में कितनी गुणवत्ता रहेगी ।
वहीं जब जनपद पंचायत के सीईओ श्रवण कुमार मरकाम से इस सम्बन्ध में उनका पक्ष ज्ञात करने हेतु उनके मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क किया गया तो कवरेज क्षेत्र से बाहर के कारण सम्पर्क नही हो सका।