सरगुजा क्षेत्र में नक्सली ताडंव ने सरकार के दावों की खोली पोल: कांग्रेस
नक्सली चुनौती को समाप्त करने का सरकार का दावा खोखला: मो. असलम
रायपुर/ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मो. असलम ने कहा है कि सरकार एक तरफ नक्सलवाद के खात्मों का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर सरगुजा अंचल के सामरी थाना, जिला-बलरामपुर में नक्सलवादियों के ताडंव ने अपनी नये सिरे से उपस्थिति दर्ज कराते हुये सरकार के दावो को खोखला साबित कर दिया है और अपनी पुख्ता उपस्थिति का दावा किया है। बीते दिनों ही बस्तर के दरभा थाना क्षेत्र में सरपंच की नक्सलवादियों ने पीट-पीट कर हत्या कर यह बताने का प्रयास किया है कि उनके आंतक एवं हौसलों में कोई कमी नहीं आयी है। ऐसे में मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ पुलिस का यह दावा करना कि छत्तीसगढ़ से नक्सली समस्या को समाप्त कर दिया गया है कई सवालों को जन्म देता है।
कांग्रेस प्रवक्ता मो. असलम ने कहा है कि सरगुजा में जहां एक ओर मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री लोगो को सौगाते दे रहे थे और भूमि पूजन तथा लोकार्पण में व्यस्त थे तो दूसरी ओर बलरामपुर जिले के सामरी थाना क्षेत्र में हिंडाल्को की बाक्साइट खदान में नक्सली, वहां के कर्मचारियों को बंधक बनाकर मारपीट करने, वाहनों, मशीनों में आगजनी करने तथा कांटाघरो में विस्फोट करने की तैयारी में लगे हुये थे। लेकिन छत्तीसगढ़ की पुलिस इस घटना के होने की तैयारी से बेखबर थी और घटना को अंजाम देने के घंटो बाद वहां पहुंची थी। दो साल बाद नये सिरे से सरगुजा अंचल में नक्सलवादियों के रिटर्न होने की खबर अपने आप में खौफनाक है। गृहमंत्री के विधानसभा क्षेत्र से लगे सामरी थाना क्षेत्र में हुई वारदात ने एक बार फिर सरकार के दावों की पोल खोल दी है। सरकार की खुफिया एजेसियां नक्सलियों की चुनौती को विफल करने में नाकाम हो रही है। ऐसा लगता है उत्तर छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने एक बार फिर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है और पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। डेढ़ दशक से नक्सली समस्या से छत्तीसगढ़ को मुक्ति दिलाने की केवल बातें ही हो रही है। जबकि मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री का जिला एवं लगा हुआ इलाका ही नक्सली घटनाओं से मुक्त नहीं हो सका है।