November 22, 2024

केंचुआ बेचकर महिला समूह ने कमाए ढाई लाख रुपए

0


केंचुआ पालन से बेहतर रिटर्न की गारंटी

रायपुर, 06 दिसंबर 2021/ गौठानों को ग्रामीण आजीविका केंद्र के रूप में विकसित करने की मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सोच का जमीनी क्रियान्वयन अद्भुत रहा है। जैविक खाद को आगे बढ़ाने की उनकी सोच ने आय के ऐसे अवसर स्वसहायता समूह को उपलब्ध कराए हैं जिसमें मामूली निवेश पर बेहतरीन रिटर्न है। चंदखुरी में श्री सिंधुजा स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने पिछले वर्ष रायपुर से आस्ट्रेलियन प्रजाति के एक क्विंटल केंचुए मंगवाये थे। एक साल के भीतर ही केंचुए इतनी मात्रा में बढ़ गये कि पहले साल का उत्पादन 20 क्विंटल रहा। इसे बेचकर समूह ने ढाई लाख रुपए कमाये। इन्हीं केंचुओं की सहायता से इस बार भी समूह ने 20 क्विंटल केंचुए तैयार कर लिये हैं। इनके विक्रय से भी समूह को इतनी ही आय प्राप्त होगी।
समूह की अध्यक्ष श्रीमती सावित्री देवांगन ने बताया कि गौठान में वर्मी बेड में हमने पेज, बेसन और मसूर का पाउडर डाला, इससे तेजी से केंचुए की वृद्धि हुई और 18 दिन में ही इनकी संख्या दोगुनी हो गई। इस गौठान में विविध रोजगारमूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। गौठान में पशुधन अत्याधिक होने के कारण गोबर खरीदी भी अच्छी होती है तथा इससे संबंधित रोजगारमूलक गतिविधियां का विस्तार भी होता है। गांव की सचिव श्रीमती कामिनी चंद्राकर ने बताया कि केंचुओं के विक्रय में किसी तरह की परेशानी नहीं आई, समीपस्थ गौठानों ने भी इसे खरीद लिया और जैविक खेती कर रहे किसानों ने भी इसका क्रय किया। 
चंदखुरी में गोबर की आवक अधिक होने की वजह से अतिरिक्त वर्मी बेड की जरूरत पड़ी। इसके लिए खास तरीके के मिट्टी की जोड़ वाला वर्मी बेड ग्रामीणों ने तैयार किया जो कम कीमत वाला था और केवल एक महीने में बन गया। सीमेंट का जोड़ नहीं होने की वजह से वेंटिलेशन की सुविधा केंचुओं को मिली। इस पर काम करना भी आसान था। नमी मेंटेन रहती है, यह खासा प्रभावी रहा और इसके चलते केंचुओं की वृद्धि दोगुनी हो गई। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्रीमती अर्चना चखियार ने बताया कि नमी की वजह से और ठंडक की वजह से केंचुओं में वृद्धि हुई। उन्होंने बताया कि जो खाद तैयार हुई, उसमें भी माइक्रो न्यूट्रिएंट की मात्रा काफी अधिक थी।
किसी ने लिया गहना, किसी ने बच्चों की पढ़ाई में खर्च की रकम- समूह की महिलाओं ने बताया कि उन्होंने अर्जित आय का कुछ हिस्सा अपने समूह की गतिविधियों को बढ़ावा देने में लगाया। एक सदस्य ने बताया कि उनकी ननद की शादी थीं, वे चाहती थीं कि गहने अपनी ओर से दें, इसके लिए राशि खर्च की। समूह की एक सदस्य ने बताया कि बरसों से खर्च की कुछ इच्छाएं थीं, जो अपने पैरों पर खड़े होने पर करने की थीं, बस उन्हें ही पूरा किया और बहुत अच्छा लग रहा है।
गोबर से पेंट पर भी होगा गौठान में काम- गाँव की सरपंच श्रीमती हेमलता देशमुख ने बताया कि गाँव में शीघ्र ही गोबर से पेंट बनाने पर भी काम होगा। इसके लिए जल्द ही समूहों की ट्रेनिंग आरंभ होने वाली हैं। गौठान समिति के अध्यक्ष श्री मनोज चंद्राकर ने कहा कि गौठान को और आगे ले जाने अभी बहुत से नवाचार करने हैं। इसकी योजना गौठान समिति ने तैयार कर ली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *