राज्योत्सव में दर्शकों ने छत्तीसगढ़ी लोक संगीत का उठाया आनंद
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व राज्य की कला और
संस्कृति को मिल रहा नया जीवन: सुश्री शकुन्तला साहू
परम्परागत खुमरी, लाठी एवं गमछा से अतिथियों का स्वागत
रूपेश कुमार वर्मा
बलौदाबाजार – छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर 1 नवम्बर को जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के पण्डित चक्रपाणि स्कूल मैदान में राज्योत्सव के रूप में मनाया गया। देर रात तक छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति एवं रीति-रिवाजों पर केन्द्रित रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। राज्योत्सव समारोह की मुख्य अतिथि संसदीय सचिव सुश्री शकुन्तला साहू ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद छाया वर्मा ने की। विशेष अतिथि के रूप में इस मौके पर पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश कुमार वर्मा, भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के सदस्य सतीश अग्रवाल, नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष चित्तावर जायसवाल, पूर्व विधायक श्री जनकराम वर्मा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सरिता ठाकुर तथा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हितेन्द्र ठाकुर उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि सुश्री शकुन्तला साहू ने छत्तीसगढ़ राज्य की 21 वीं स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का चहुंमुखी विकास हो रहा है। यहां की विलुप्त होती संस्कृति, कला एवं परम्परा को पुनःस्थापित किया जा रहा है। आज छत्तीसगढ़ अपनी संस्कृति, कला एवं परम्परा से जुड़ रहा है। कोविड संक्रमण के दौर में भी मुख्यमंत्री ने लोगों के विकास, प्रगति एवं खुशहाली के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं बनाई हैं। हमारी सरकार की सभी योजनाएं अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज्यसभा सांसद शछाया वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग उत्सवधर्मी हैं। उत्सव जीवन की पीड़ा हर लेती है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति को पुनर्जीवित करने का काम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया है। मुख्यमंत्री स्वयं अपने निवास में हर छत्तीसगढ़ी तीज-त्योहार को मनाकर उनका सम्मान करते हैं। समारोह को छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, कृषक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा एवं नगरपालिका के अध्यक्ष श्री चित्तावर जायसवाल ने भी सम्बोधित किया।
राज्योत्सव स्थल पर विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा विकास आधारित प्रदर्शनी सजाई गई। अतिथियों ने विभिन्न विभागीय स्टालों का निरीक्षण किया और इसकी सराहना की। छत्तीसगढ़ी व्यंजन पर आधारित गढ़कलेवा लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र था। छत्तीसगढ़ की कला एवं संस्कृति पर आधारित प्रस्तुति का सिलसिला देर रात तक चला। स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने राज्योत्सव में समा बांध दिया। छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति से दर्शक सराबोर होते रहे। राज्योत्सव में सुर ओ चंदम अकादमी द्वारा प्रस्तुत स्वागत नृत्य, मनोज मारकण्डेय ग्राम कोहरोद द्वारा प्रस्तुत पंथी नृत्य, रितेश झा खपरी की सुआ नृत्य, धरमलाल पोर्ते देवरी की कर्मा नृत्य, एल.एस.धु्रव केसला की आदिवासी नृत्य, शिवकुमार पटेल डमरू की पण्डवानी, कबीरपंथ पर आधारित नृत्य नाटिका और मणिसिंह ठाकुर द्वारा प्रस्तुत राऊत नाचा, चंदैनी, ददरिया, गौरी-गौरा की प्रस्तति का दर्शकों ने भरपूर आनंद उठाया। राज्योत्सव में पहुंचे अतिथियों का छत्तीसगढ़ की पारम्परिक पहचान- खुमरी, लवठी और गमछा से आत्मीय स्वागत किया गया। कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने स्वागत भाषण के जरिये प्रशासनिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। आभार ज्ञापन जिला पंचायत सीईओ डॉ. फरिहा आलम सिद्धिकी ने किया। इस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक आई.के.एलिसेला, जिला पंचायत सदस्य परमेश्वर यदु, गोरेलाल साहू, जनपद अध्यक्ष पलारी खिलेन्द्र वर्मा, सिमगा जनपद अध्यक्ष वीणा आडिल, नगर पंचायत कसडोल की अध्यक्ष नीलू चंदन साहू सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, ग्रामीणजन एवं अधिकारी उपस्थित थे।