केल्हारी वन परिक्षेत्र अन्तर्गत जगह-जगह अतिक्रमण, रेंजर की सहमति य अनभिज्ञता अब उठ रहे सवाल
जंगलो की हो रही लगातार कटाई वन विभाग बना अनभिज्ञ
लक्ष्मीपुर के जंगल में ग्रामीण ने की थी,पौधारोपण की मांग बरसात बीत जाने के बाद भी नही हुई पूरी
केल्हारी : वनों से आच्छादित केल्हारी क्षेत्र इन दिनों लगातार जंगल कटाई का शिकार होता जा रहा है।
पूर्व में कई ऐसे स्थान रहे हैं कि,जहां अकेले व्यक्ति दिन में भी नही पहुंच सकता था,क्योंकि घने जंगल होने के कारण वन्य पशुओं का भय व्याप्त रहता था।लेकिन अब स्थिति बदलती नजर आने लगी है।जंगल की कटाई एवं जंगलों पर अवैध अतिक्रमण से जंगली जानवर अब गांवों में भी दस्तक देने लगे हैं।इतना ही नही जंगली जानवर अपनी मौजूदगी जताने के लिये हमला भी कर रहे हैं।बीते रविवार को केल्हारी में सियार काटने की घटना भी घट चुकी है।
जानवरों का ठिकाना अर्थात जंगल को संरक्षित करने सरकार हर जोर आजमाईश कर रही है।लेकिन जब जमीनी पकड ही ढीली हो तो भला कैसे सरकार की मंशा पूरा हो सकती है?
बात मनेन्द्रगढ वनमण्डल के केल्हारी वन परिक्षेत्र के अलग अलग जगहों पर सालों से हुए अवैध वन अतिक्रमण का है।जिसके संबंध में केल्हारी परिक्षेत्राधिकारी को लगातार ध्यानाकर्षण कराया जाता है।लेकिन आज नही तो कल कार्यवाही करेंगें?कहकर मामला को टाल दिया जाता है।ऐसे सुस्त रवैय्या के ही कारण अतिक्रमणकारियों के मंसूबे कामयाब एवं हौसले बुलंद हो गए है। साथ ही देखने वाली बात यह भी है कि वैध वन भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण बढ रहे हैं।
ऐसा भी नही है कि, अतिक्रमित वन भूमि वन विभाग के नजरों से ओझल हो? बल्कि वन विभाग के नाक के नीचे ही अतिक्रमण के अनेकों मामले देखे जा सकते हैं।तो वहीं वन परिक्षेत्राधिकारी कार्यालय से लगे करीब 3किलोमीटर के अंदर मुख्य सडक पर ही डुगला स्थित वन भूमि पर अतिक्रमण के मामले देखे जा सकते हैं।तो बरनेटोला समेत पौधारोपण नर्सरी से लगा 100मीटर दूरी पर भी सालों से वन अतिक्रमण किये हैं।किसी प्रकार का कारवाई न होने पर अतिक्रमणकारियों द्वारा पैर पसारते भी देखने को मिल रहा है।
कई बार वनपरिक्षेत्राधिकारी केल्हारी को ध्यानाकर्षण के बावजूद कार्यवाही न करना भी कई प्रकार के संदेह को जन्म देता है?हलांकि विभाग द्वारा सालों से चल रहा सुस्त रवैय्या भी रहस्य बन बैठा है?आखिर कब वन के पहरेदार पहरेदारी का जिम्मा उठायेंगे?क्षेत्रवासियों की नजर बाट जोह रही है।