छत्तीसगढ़ में पिछड़ा वर्ग को मिल रहा भरपूर लाभ: साहनी
*राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष ने ली समीक्षा बैठक*
रायपुर, 23 सितम्बर 2021/राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री भगवान लाल साहनी ने त्रिस्तरीय पंचायती राज्य संस्थाओं और नगरीय निकायों में पिछड़ा वर्ग को प्रतिनिधित्व दिलाने दिए जा रहे आरक्षण की सराहना की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग के लोगों के भलाई और उनके हितों की रक्षा के लिए बेहतर कार्य किया जा रहा है। सरकार के कार्यों से राज्य में पिछड़े वर्ग के लोगों को महत्व मिला है। श्री साहनी नेे शासकीय विभागों और अनुदान प्राप्त संस्थाओं में आरक्षण के नियमों के पालन पर सराहना की। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य में पिछड़ा वर्ग के लोग आरक्षण के अतिरिक्त मैरिट के आधार पर सामान्य सीट पर चयनित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह अन्य राज्यों के लिए उदाहरण है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री साहनी द्वारा राज्य में पिछड़ वर्ग के कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और आरक्षण नियमों के पालन के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली गई। बैठक में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सलाहकार श्री राजेश कुमार और श्री आनंद कुमार सहित राज्य की अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती रेणु जी. पिल्लै, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला, सचिव अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण श्री डी.डी. सिंह भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष और पदाधिकारी छत्तीसगढ़ राज्य के तीन दिवसीय प्रवास पर है।राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री साहनी ने सुझाव दिया कि प्रदेश में आरक्षण रोस्टर देखने के लिए एक लाईजनिंग अधिकारी हर विभाग में रहे, जो यह देखे कि आरक्षण नियमों का पालन हो रहा है की नहीं। विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह ने छत्तीसगढ़ राज्य की भौगोलिक एवं जनसंख्या संबंधी सामान्य जानकारी प्रस्तुत करते हुए पिछड़े वर्ग को विभिन्न योजनाओं में लाभान्वित किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने शासकीय सेवाओं में पिछड़ा वर्ग के लिए राज्य में 14 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था के तहत भरे एवं बैकलॉग पदों की जानकारी दी और यह भी बताया कि राज्य में जिला एवं संभाग स्तर पर जनसंख्या के अनुपात में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर अलग-अलग पदवार रोस्टर प्रणाली लागू है। अविभाजित मध्यप्रदेश राज्य में लागू 14 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद भी यथावता प्रभावशील है। सचिव श्री डी.डी. सिंह ने अवगत कराया कि पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए नियम, निर्देश के तहत कार्यवाही की जाती है, यदि किसी प्रकरण विशेष की शिकायत प्राप्त होती है, उस पर समुचित कार्यवाही की जाती है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में वन अधिकार मान्यता पत्र पिछड़ा वर्ग के पात्र लोगों को प्रदाय किया जा रहा है। वन अधिकार अधिनियम के तहत कट आफ दिनांक 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व वनभूमि पर काबिज तथा तीन पीढ़ियों से संबंधित ग्राम में निवासरत पात्रता रखने वाले दावाकर्ताओं को वन अधिकार पत्र जारी किए जा रहे हैं। प्रदेश में अन्य परंपरागत वन निवासियों को वितरित वन अधिकार पत्र की जानकारी भी दी गई।राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष द्वारा यह भी जानकारी चाही गई कि राज्य के विश्वविद्यालयों में आरक्षण का पालन किया जा रहा है या नहीं। जिसपर नियमों का पालन किए जाने संबंधी जानकारी दी गई और यह भी बताया गया कि शासकीय अनुदान प्राप्त संस्थाओं में भी आरक्षण का काम किया जाता है। राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष को पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए दी जा रही छात्रवृत्ति के संबंध में भी अवगत कराया गया।