आर्ट ऑफ लिविंग रायपुर के स्वयं सेवकों ने मिलकर ऑनलाइन कार्यक्रम में संस्था के वरिष्ठ प्रशिक्षक द्वारा लिखित नई पुस्तक के विमोचन पर की चर्चा
रायपुर 10 अगस्त 2021 आर्ट ऑफ लिविंग रायपुर के स्वयं सेवकों ने मिलकर ऑनलाइन कार्यक्रम में संस्था के वरिष्ठ प्रशिक्षक द्वारा लिखित नई पुस्तक के विमोचन की चर्चा की |
पुस्तक के बारे में सबको बताते हुए दीपेंद्र दीवान ने कहा, “आज सारी दुनिया मानसिक स्वास्थ्य के संकट की चपेट में है, विश्व में अवसाद, चिंता और गहन तनाव से ग्रस्त लोगों की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में अधिक से अधिक लोग अपने सवालों का जवाब भीतर तलाश रहे हैं। इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए और ध्यान के बारे में किसी के मन में उठने वाले हर दूसरे संभावित प्रश्न का उत्तर देने के लिए एक डच-भारतीय योगी और वरिष्ठ आर्ट ऑफ़ लिविंग शिक्षक स्वामी पूर्ण चैतन्य द्वारा लिखी अंतर्दृष्टिपूर्ण उपाख्यानों और ज्ञान से पूर्ण पुस्तक-”लुकिंग इनवर्ड: मेडिटिंग टू सर्वाइव इन ए चेंजिंग वर्ल्ड” प्रकाशित हुई है, जो पिछले – वर्षों से दुनिया भर में लाखों लोगों को ध्यान की कला सिखा रहे हैं।”
आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर ने पुस्तक कि सराहना करते हुए कहा हैँ , ‘जब हमारे आस-पास की दुनिया में उथल-पुथल है, तो हमें अपने भीतर देखने की जरूरत है। ध्यान वह साधन है जो हमें अत्यंत आवश्यक सांत्वना और आंतरिक शक्ति प्रदान कर सकता है।’
मीटिंग में प्रसिद्ध उद्दोगपति भारतीय यश बिड़ला ने पुस्तक के बारे जो कहा वह भी साँझा किया गया, ‘लुकिंग इन्वर्ड’ के रूप में स्वामी
पूर्ण चैतन्य ध्यान पर एक सुंदर पुस्तिका पाठक के लिए लाये हैं जिससे कोई भी अपने घर में सुरक्षित रूप से ध्यान का अभ्यास करना सीख सकता है। हम जिस दुनिया में हैं, उसे देखते हुए हर किसी को सरलता से पालन करने वाले प्रारूप में प्राचीन ज्ञान से भरी इस पुस्तक को पढ़ना चाहिए।’ –
पुस्तक एक ऐसी शैली में लिखी गई है जो सरल किन्तु आकर्षक है, यह पाठक को चिंता और तनाव के कारणों व भीतर निहित समाधान तक गहराई से ले जाती है, जिससे पाठक को मन और मन के स्वभाव की स्पष्ट समझ प्राप्त हो जाती है। शक्तिशाली ध्यान अभ्यासों के माध्यम से आंतरिक शांति पाने में लेखक की यात्रा की पृष्ठभूमि में लिखी गयी इस पुस्तक के प्रत्येक अध्याय में रोचक उपाख्यान, बहुमूल्य अंतर्दृष्टि, और दस मिनट का अभ्यास शामिल है जो आपको अपने मन पर नियंत्रण करने और अपने स्वयं के ध्यान अभ्यास के निर्माण में एक कदम और आगे ले जाएगा।
इस लिंक में स्वामी जी की पिक्चर्स और पुस्तक कवर है – https://drive.google.com/drive/folders/1-0hqDLmt3ZaWjhgIZL_vyW5rAiO12_Rq
लेखक के बारे में
स्वामी पूर्णचैतन्य विश्व में अनेक लोगों के लिए एक लेखक, वक्ता और आध्यात्मिक मार्गदर्शक हैं। वह योग, ध्यान और मंत्रों के एक लोकप्रिय शिक्षक और अपनी गर्मजोशी व भावपूर्ण उपस्थिति के कारण एक प्रभावशाली कथावाचक हैं। स्वामीजी का जन्म नीदरलैंड में एक डच पिता और एक भारतीय मां के घर हुआ था, जिन्होंने उन्हें पूर्व की आध्यात्मिक प्रथाओं, संस्कृति और दर्शन में गहरी रुचि जगाने में केंद्रीय भूमिका निभाई । उनके जीवन में निर्णायक क्षण सोलह वर्ष की आयु में आया, जब वे आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक गुरुदेव श्री श्री रविशंकर से मिले, जिनमें उन्होंने अपने आध्यात्मिक गुरु को पहचाना।
संस्कृत में विशेषज्ञता के साथ इंडोलॉजी में अपनी विश्वविद्यालय की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने नीदरलैंड छोड़ दिया और वैदिक ज्ञान, अनुष्ठानों, मंत्रों और वैदिक स्तोत्रों के पाठ में महारत हासिल करने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर बेंगलुरु, भारत चले आये। उन्होंने अपनी उच्चचेतना व दूसरों की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने की प्रतिबद्धता के रूप में स्वामी की उपाधि प्राप्त की। पूर्ण चैतन्य उनके गुरु द्वारा दिया गया नाम है, जिसका अर्थ है जिसकी चेतना पूरी तरह से खिल गई है।