गांजा तस्करी में आरोपी को 10 वर्ष के कारावास की सजा
कोंडागांव। इस प्रकरण में शासन की ओर से दिलीप जैन, लोक अभियोजक ने पैरवी की। प्रकरण के संबंध में लोक अभियोजक श्री दिलीप जैन ने बताया कि विवेचक द्वारा दिनांक 10/01/2018 को थाना से एम0सी0पी0 कार्यवाही करने हमराह स्टाफ के साथ रवाना होकर थाना के सामने एन.एच. 30 मार्ग पर एम0सी0पी0 कार्यवाही कर रहा था जहां करीब 16ः50 बजे जगदलपुर की ओर से एक सिल्वर रंग की टाटा इंडिगो वाहन जिस पर क्रमांक OR 10 H 3758 लिखा हुआ था आते हुई दिखायी दिया, नजदीक आने पर उक्त वाहन को रोका गया और उसमें बैठे व्यक्तियों से नाम पूछा जाने पर उसमें से एक ने अपना नाम भूषण मराठे होना बताया एवं अन्य दो व्यक्ति विधि से संघर्षरत बालक हैं।
विवेचक ने उक्त वाहन को सरसरी तौर पर चेक किया तो वाहन के पीछे डिक्की के अंदर भूरे रंग के सेलोटेप से पैक किया हुआ संदिग्ध पैैकेट दिखायी दिया तथा गाड़ी के अंदर से गांजा जैसा मादक पदार्थ का गंध आ रहा था।विवेचक ने संदिग्ध वाहन को सड़क किनारे लगवाकर आरक्षक से आरोपी एवं विधि से संघर्षरत बालकों को तलाषी ली गयी। जिसमें आरोपी भुषण मराठे के पास से ड्रयविंग लायसेंस,ए.टी.एम. कार्ड, मतदात परिचय पत्र, मोबाईल,नगदी रकम 1000/- रूपये बरामद हुआ। पश्चात संदेहियों के इंडिगों वाहन की तलाषी में वाहन के पीछे डिक्की के अंदर भूरे रंग के सेलोटेप से पैक किया हुआ 15 नग छोटे- बड़े पैकेट प्राप्त हुआ जिसकी पहचान गवाहों के समक्ष उक्त पैकेटों से थोड़ा-थोड़ा पदार्थ निकालकर सुंघकर रगड़कर किया गया जो गांजा जैसा पदार्थ होना पाया गया। उक्त पैकेटों का कुल वजन 100.610 किलोग्राम होना पाया गया।
विवेचक ने संदेहियों से बरामद संपत्तियों को जप्त कर जप्ती पत्रक तैयार किया, आरोपी भूषण मराठे एवं विधि से संर्घषरत बालकों को गिरफ्तार कर गिरफ्तारी पत्रक तैयार किया तथा मौके पर देहाती नालसी दर्ज किया । विधि से संघर्षरत बालकों की सूचना प्रतिवेदन तैयार कर परीविक्षा अधिकारी किषोर न्याय बोर्ड कोण्डागांव को भेजा साथ ही उक्त बालकों को देखरेख हेतु सौपा। इसके उपरांत आरोपीगण से बरामद वस्तुओं व हमराह स्टाफ के साथ वापस थाना कोण्डागांव आकर देहाती नासली रिपोर्ट प्रस्तुत किया जिसके आधार पर थाना कोण्डागांव में आरोपी के विरूद्ध अपराध क्र. 14/2018 धारा 20(ख)एन.डी.पी.एस. एक्ट का प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया। आरोपी के विरूद्ध चालानी कार्यवाही योग्य पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने से अभियोग पत्र तैयार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया ।
कोण्डागांव जिले के विषेष सत्र न्यायाधीश(एन.डी.पी.एस. एक्ट) कोण्डागंाव के न्यायाधीश सुरेष कुमार सोनी ने प्रकरण का विचारण कर आरोपी को धारा 20 (ख) (2-स) स्वापक औषधी एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम के आरोप में दस वर्ष के सश्रम करावास एवं रूपये 1,00,000.00 मात्र के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है । अर्थदण्ड की राशि अदा होने के व्यतिक्रम पर 01 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगतना होगा ।