फर्जी चिटफंड कंपनियों पर लगाम : रकम दोगुना करने के भ्रामक विज्ञापन भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में
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छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों का संरक्षण (संशोधन)विधेयक 2017 सर्वसम्मति से पारित
रायपुर, फर्जी चिटफंड कंपनियों पर लगाम कसने के लिए विधानसभा में आज छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों का संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2017 सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सदन में यह विधेयक प्रस्तुत किया। व्यापक विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से यह पारित कर दिया गया। इस विधेयक के नए प्रावधान के तहत चिटफंड कंपनियों के अपराध को गैर जमानती बनाया गया है। वहीं रकम दोगुना करने के भ्रामक विज्ञापनों को भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है। विधेयक के अनुसार कोई भी चिटफंड कंपनी किसी भी जिले में काम करने से पहले जिला मजिस्ट्रेट (कलेक्टर) को सूचना देगी। जिला मजिस्ट्रेट की जानकारी के बिना ऐसी कोई कंपनी काम नहीं कर सकेगी। इस विधेयक में चिटफंड कंपनियों के प्रकरणों में जिला मजिस्ट्रेट (कलेक्टर) को सक्षम प्राधिकारी और जिला एवं सत्र न्यायालय को विशेष न्यायालय बनाया गया है। जिला मजिस्ट्रेट को संपत्ति कुर्क करने का अधिकार दिया गया है। चिटफंड कंपनी के सारे मुकदमें अब एक कोर्ट में एक साथ चलाए जाएंगे। विशेष न्यायालय 240 दिनों के भीतर प्रकरणों की सुनवाई पूरी कर आदेश पारित करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सदन में बताया कि छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों का संरक्षण कानून प्रदेश में 2015 में लागू किया जा चुका था, लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा इस संबंध में पारित कानून के प्रावधानों को समाहित करते हुए राज्य सरकार द्वारा निक्षेपकों के हित में यह नया संशोधन विधेयक लाया गया है। मुख्यमंत्री ने सदन में इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित करने पर सदन के नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस. सिंहदेव सहित विपक्ष के सदस्यों को भी धन्यवाद दिया।