रायपुर, 14 जुलाई 2021/ छत्तीसगढ़ में कला, संस्कृति, पुरातत्व एवं पर्यटन संवर्धन हेतु गठित राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की प्रथम बैठक आज यहां योजना भवन में मुख्यमंत्री जी सलाहकार एवं टास्क फोर्स के अध्यक्ष श्री विनोद वर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ लोक कलाओं के विकास और कलाकारों के कार्यक्रम, पुरातत्व, संग्रहालयों और पर्यटन को बढ़ावा देने, छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों के लिए गढ़कलेवा सहित अन्य मुद्दों पर टास्क फोर्स के सदस्यों ने विस्तार से अपने विचार प्रस्तुत किए। बैठक में निर्णय लिया गया कि संस्कृति, कला, साहित्य पर्यटन एवं पुरातत्व के संवर्धन एवं विकास के लिए अलग-अलग वर्किंग ग्रुप गठित किया जाएगा।
टास्क फोर्स की बैठक में श्री विनोद वर्मा ने कहा कि टास्क फोर्स द्वारा कला, संस्कृति, पुरातत्व तथा पर्यटन के विषय में विशेषज्ञता रखने वाले लोगों एवं टास्क फोर्स के सदस्यों के सुझावों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर आवश्यक सुझाव शासन के समझ प्रस्तुत किए जाएंगे। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े टास्क फोर्स के सदस्य एवं अध्यक्ष इंडिया एसोसिएट ऑफ टूर ऑपरेटर्स नई दिल्ली के श्री सुभाष गोयल ने छत्तीसगढ़ में पर्यटन, संस्कृति एवं पुरातत्व के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इसी प्रकार से ललित कला अकादमी दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष डॉ. कल्याण चक्रवर्ती ने भी ललित कलाओं एवं कलाकारों के संबंध में अपने सुझाव प्रस्तुत किए। बैठक में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साईंस की कल्चर एक्सपर्ट डॉ. बितासा दास ने देश के विभिन्न राज्यों में लोक कलाकारों के कार्यक्रमों एवं कला संस्कृति के विकास के लिए किए जा रहे विविध कार्यक्रमों पर विस्तार से जानकारी दी और अपने सुझाव प्रस्तुत किए।
बैठक में टास्क फोर्स के अध्यक्ष श्री विनोद वर्मा ने बताया कि, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद द्वारा साहित्य, ललित कला एवं आदिवासी लोक कला अकादमी के संचालकों द्वारा विविध कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर इसके अनुरूप कार्य किया जाएगा। बैठक में श्री वर्मा ने छत्तीसगढ़ के कलाकारों के कार्यक्रमों की प्रस्तुति हेतु उचित मंच प्रदान करने पर विशेष जोर दिया। बैठक में संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने विभागीय कार्यक्रमों एवं योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। बैठक में कुलपति इंदिरा संगीत एवं कला विश्वविद्यालय एवं टास्क फोर्स की मेम्बर श्रीमती मोक्षदा (ममता) चंद्राकर, पुरातत्वविद श्री अरूण शर्मा, संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य सहित पुरातत्व, संस्कृति पर्यटन एवं राज्य योजना आयोग के अधिकारी उपस्थित थे।