कोरोना से मां की मृत्यु के बाद संकट में पड़े बच्चों को महतारी दुलार योजना ने बंधाई उम्मीदें
बीजापुर जिले की ज्योति ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को सुनाई अपनी कहानी
निजी स्कूल में पढ़ रहे चार-भाई बहनों की पढ़ाई को लेकर दूर हुई चिंता
अब छत्तीसगढ़ सरकार करेगी फीस का इंतजाम, छात्रवृत्ति भी मिलेगी
रायपुर, 21 जून 2021/ कोरोना महामारी ज्योति और उसके चार भाई-बहनों पर आपदा बनकर टूट पड़ी। मां की मृत्यु के बाद परिवार की माली हालत इतनी खराब हो गई कि जीवन-यापन भी कठिन हो गया। निजी स्कूल में पढ़ रहे ज्योति के चार भाई-बहनों के सामने भविष्य का प्रश्न भी खड़ा हो गया। ऐसे में राज्य शासन द्वारा शुरु की गई महतारी दुलार योजना ने बहुत उम्मीद बंधाई है। अब वे अपनी पढ़ाई बिना किसी चिंता के पूरी कर सकते हैं।
बीजापुर जिले की ज्योति अमला ने आज विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को अपनी कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि कोरोना से मां की मौत के बाद उनके परिवार आर्थिक संकट में पड़ गया है। प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे अपने भाई-बहनों की फीस की चिंता उन्हें सताने लगी थी। महतारी दुलार योजना शुरु होने से उनकी चिंता दूर हो गई है। उन्हें पता चला है कि छत्तीसगढ़ शासन की इस योजना का लाभ उनके भाई-बहनों को भी मिल सकता है। उनकी फीस का इंतजाम शासन द्वारा किया जाएगा, और छात्रवृत्ति भी मिलेगी। ज्योति ने कहा कि इस योजना से उन्हें नयी ताकत मिली है। उम्मीद बंधी है कि परिवार शीघ्र ही बुरे दौर से बाहर आ जाएगा। ज्योति ने यह योजना शुरु करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया है।
कोरोना की दूसरी लहर के समय छत्तीसगढ़ में भी बड़ी संख्या में बच्चों ने अपने परिजनों को खो दिया। कोरोना संक्रमण से जिन बच्चों के अभिभावकों की मृत्यु हो गई है, उनके भविष्य के निर्माण की जिम्मेदारी स्वयं पर लेते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने महतारी दुलार योजना शुरु की है। इसके तहत ऐसे बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च शासन द्वारा वहन किया जा रहा है, साथ ही उन्हें छात्रवृत्ति भी दी जा रही है। जो बच्चे शासन द्वारा शुरु किए गए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय में प्रवेश लेना चाहते हैं, उन्हें प्राथमिकता देने की घोषणा भी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने की है।