November 22, 2024

महंगाई पर नियंत्रण करना तो दूर आम नागरिकों की जेब में सीधे डाका डालना ही केंद्र सरकार का मुख्य ध्येय – कांग्रेस

0

महंगे डीजल-पेट्रोल की कीमतों ने ढहाया कहर, घरौंदा बनाना भी हो गया दूभर – कांग्रेस

महंगाई ने आम नागरिकों के घरों का बजट असंतुलित किया और किसानों की तोड़ी कमर – कांग्रेस

रायपुर/17 जून 2021। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है कि मोदी सरकार ने 7 सालों में अच्छे दिन क्या लाए हैं अब आम नागरिकों को भी अपनी मूलभूत जरूरतों के लिए मुंह ताकना पड़ता है? डीजल-पेट्रोल की बढ़ी कीमतों ने हर तरह की वस्तुओं को ना सिर्फ महंगा किया है, अपितु जनता से दूर ही कर दिया है। रोटी-कपड़ा और मकान जिसके लिए वह पूरी जिंदगी जद्दोजहद करता है, वह मिलना भी दूभर होता जा रहा है। गरीब बढ़ती महंगाई के चलते अपना घरौंदा भी ना दुरुस्त करा पा रहा है और ना ही नया निर्माण कार्य कराने में सक्षम है। भवन निर्माण केवल ईट, रेत, गिट्टी, सीमेंट और सरिया से पूर्ण नहीं होता है। उसके साथ मजदूरी के अलावा, बिजली के सामान, सेनेटरी की सामग्री, किचन मे लगने वाली वस्तुएं, दरवाजे, चौखट, पल्ले, प्लाईवुड, कांच, टाइल्स, एल्यूमीनियम, माइका शीट, दरवाजों-खिड़कियों में लगने वाली चीजें सिटकनी, कब्जा, कुंदे, लिपाई-पुताई की सामग्री, पेंट सब कुछ के दाम आसमान छू रहे हैं और लगभग दोगुने हो चुके हैं। इन सब पर पेट्रोलियम सामग्री के ऊंचे दाम का जबरदस्त प्रभाव पड़ा है, सामग्री से अधिक परिवहन का दर हो चुका है। यही वजह है कि आम नागरिकों के लिए अब भवन सामग्री खरीदना पहुंच से दूर हो गया है। भवन निर्माण में प्रयोग होने वाली बहुत सी सामग्री पेट्रोलियम पदार्थों पर आधारित है, जो सामानों के दाम बढ़ाने में सहायक हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने बढ़ती महंगाई के लिए केंद्र सरकार की नीतियों और हठधर्मिता को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा है कि भवन निर्माण सामग्री की कीमतों में वृद्धि हो अथवा थोक सामान के दर हों या खुदरा वस्तुओं की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि हो, डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के कारण ही आम लोगों का दम निकल रहा है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने यह भी कहा है कि किसानों की कमर तोड़ने में केंद्र सरकार ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा है। किसानों को डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से प्रति एकड़ ₹1800 का अतिरिक्त भार पड़ रहा है। कृषि औषधि और खाद कि महंगाई का उन पर अतिरिक्त बोझ है। यही नहीं सब्जियों, पैकेज फूड, डेयरी प्रोडक्ट, किराना सामान, दाल, अनाज, दवाइयां, फलों में भी अप्रत्याशित वृद्धि से आम लोगों की रसोई का बजट असंतुलित हो गया है। इलाज महंगा होना और रोजमर्रा की जरूरत बहुत महंगी होना जनता पर दोहरी मार है। कांग्रेस पार्टी सहित आम नागरिक लगातार महंगाई को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे है और प्रदर्शन किए जा रहे हैं, किंतु इस ओर सरकार की लापरवाही एवं अहंकार को स्पष्ट देखा जा सकता है। महंगाई पर नियंत्रण करना तो दूर जनता की जेब पर डाका डालना ही केंद्र सरकार का मुख्य उद्देश्य बन गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *