राज्यसभा सांसद राजीव सातव का यूं ही छोड़ कर चले जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति : विकास उपाध्याय
रायपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने राज्य सभा सांसद व कांग्रेस के निष्ठावान सदस्य राजीव सातव के कोरोना से हुए निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा,आज मेरे पास कहने कोई शब्द नहीं। मैंने आज अपने परिवार का एक सदस्य खो दिया है। यह मेरी व्यक्तिगत क्षति है। इतने कम उम्र में अपनी व्यक्तिगत काबिलियत के दम पर सादगी के साथ जीवन जीने वाले राजीव सातव जिन बुलंदियों को छुआ बहुत कम उदाहरण देखने को मिलता हैं।
विकास उपाध्याय ने कांग्रेस के निष्ठावान सदस्य व महाराष्ट्र से राज्यसभा में सांसद राजीव सातव के निधन को अपना व्यक्तिगत क्षति बताया है। उन्होंने कहा, आज मैंने अपने परिवार का एक अनमोल सदस्य को खो दिया है,जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती। उन्होंने राजीव सातव के युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते उनके टीम में साथ काम किये दिनों को याद करते हुए कहा,वे कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित हो कर काम करने वालों को खुली छूट दिया करते थे। वे जब अध्यक्ष थे तब मुझे राष्ट्रीय महासचिव के रूप में उनके साथ काम करने का वर्षों तक मौका मिला। राजीव सातव एक सरल व्यक्तित्व के धनी थे। वे सादगीपूर्ण जीवन जीना पसन्द करते थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष होते हुए भी कभी उनमें न घमंड था न ही अहम की भावना। उनकी निश्छल भाव से मुस्कुराहट देख सारी थकान दूर हो जाया करती थी। उसी तरह उनका अपने क्षेत्र में जमीनी जुड़ाव भी रहा है। यही वजह था कि जब कांग्रेस पार्टी को लोकसभा में 44 सीट मिले थे तब महाराष्ट्र से एकलौते सांसद थे जो कांग्रेस से जीत कर आये थे।
विकास उपाध्याय ने कहा, वे आज जहाँ हैं,वहाँ तक उन्हें पहुंचाने राजीव सातव जी की बहुत बड़ी भूमिका रही है। युवा कांग्रेस में भी जब वे उनके साथ काम करते थे। उनका मुझ पर विशेष प्रेम रहा है और वे उन्हें फ्री हैंड के साथ काम करने की छूट दे रखी थी। जिसे वे कभी भूल नहीं सकते। विकास उपाध्याय ने कहा,राजीव सातव जैसे व्यक्ति का यूं ही चले जाना कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मैं ईश्वर यदि है तो प्रार्थना करता हूँ कि भगवान उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें।