स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव, कृषि मंत्री चौबे व महापौर ढेबर ने की अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक
रायपुर : आज सिविल लाइन्स स्थित नवीन विश्राम भवन में स्वास्थ मंत्री श्री टी एस सिंहदेव, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे व राजधानी के महापौर एज़ाज़ ढेबर ने संयुक्त रूप से अधिकारियों की बैठक की। इस बैठक में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, जिला कलेक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक समेत अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा हुई। स्वास्थ्य मंत्री श्री टीएस सिंह देव ने कोरोना से संक्रमित प्रदेशवासियों को मिल रही सुविधाओं एवं होम आइसोलेशन की परिस्थिति पर विस्तार पूर्वक चर्चा की, उन्होने कहा कि जो कोरोना वायरस से संक्रमित प्रदेश वासी होम आइसोलेशन में है समय-समय पर उनकी जानकारी प्राप्त करते रहना आवश्यक है। इसके साथ ही उन्होंने टेस्टिंग किट और टीकाकरण के लिए उपलब्ध वैक्सीन अन्य दवाओं आदि की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे व महापौर एज़ाज़ ढेबर ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए की जा रही व्यवस्थाओं की स्थिति जानी, जिसमें बिस्तरों की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए कुल 176 केंद्रों में उपलब्ध 15,965 सामान्य बेड व 3480 ऑक्सिजन बेड की स्थिति जानी, इसके साथ ही जिलेवार हो रही ऑक्सीजन की खपत और पॉजिटिविटी की बढ़ती दर पर भी अधिकारियों से चर्चा की। इस बैठक में जिले में संक्रमण प्रसार में आगे चल रहे 3 जिलों की समीक्षा करते हुए स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर 2020 में रायपुर में 497 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध थे, लेकिन अप्रैल 2021 में यह संख्या 380 पर आ गयी है, इसी प्रकार दुर्ग में दिसंबर 2020 में 162 और अप्रैल 2021 में 72 ऑक्सीजन बेड व राजनांदगांव में 114 में से अभी केवल 42 ऑक्सिजन बेड उपलब्ध हैं।
इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंहदेव ने अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड बढ़ाने पर विशेष जोर दिया है। इसके साथ ही लॉकडाउन के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंहदेव ने कहा की जिलों में लोक डाउन के लिए एक मानदंड निर्धारित होना चाहिए जिस परिस्थिति को पार करने पर लोक डाउन की स्थिति मानकर आगे कदम बढ़ाने चाहिए। इसके साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंह देव ने संक्रमित मरीजों की कांटेक्ट ट्रेसिंग, कोरोना जांच की संख्या बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के प्रसार को नियंत्रित बनाये रखने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किये हैं।