दृढ़ संकल्प, आत्मसंयम और मानवीय संवेदना के साथ कार्य करने वाली महिलाओं को अवश्य मिलती है सफलता: सुश्री उइके
रायपुर : राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज पीएचडी चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित वेबीनार को संबोधित करते हुए कही कि जो महिलाएं दृढ़ संकल्प, आत्मसंयम, लगन, बिना किसी अपेक्षा के और मानवीय संवेदना के साथ कार्य करती हैं, वे जीवन में अवश्य सफल होते हैं। उन्हें समाज भी पूजता है।
राज्यपाल ने कहा कि आज हम महिलाओं को देखें तो वे पूरे विश्व में हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। हम दुनिया के सबसे विकसित देश अमेरिका की बात करें तो वहां पर उपराष्ट्रपति के पद पर कमला हैरिस निर्वाचित हुईं। वह इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला होने के साथ एशियन अमेरिकन मूल की निवासी है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि उनकी माता भारतीय है। इसी तरह हमारे भारत देश में भी महिलाएं सभी क्षेत्रों में अपना परचम लहरा रही हैं। उनके लिए सेना में एक स्थाई कमीशन बनाने का निर्णय लिया गया है। यह महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। आज हमारे देश में वित्त मंत्री का दायित्व एक महिला श्रीमती निर्मला सीतारमण सम्हाल रही हैं। सुश्री उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी महिलाएं कहीं पीछे नहीं हैं। यहां कुछ जिलों में कलेक्टर के पद पर तो कुछ विभागों के प्रमुख पद पर तथा स्थानीय निकायों और पंचायतों में महिलाएं अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं। मुझे भी छत्तीसगढ़ की पहली महिला राज्यपाल होने का अवसर प्राप्त हुआ।
राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष पूरा विश्व कोरोना संकट से गुजर रहा है। उसी परिपेक्ष्य में वर्ष 2021 के अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का थीम ‘‘नेतृत्व में महिलाएं: कोरोनाकाल में बढ़ती एक समान भविष्य की ओर’’ निर्धारित किया गया है। यह कोरोना काल में सेवाएं देने वाली महिलाओं के योगदान को रेखांकित करने के लिए किया गया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में महिला शक्ति की भूमिका उभरकर सामने आई, चाहे वह घर में हो या कार्यक्षेत्र में हो, सभी जगह उन्होंने कंधा से कंधा मिलाकर कार्य किया। हमारे प्रदेश में भी चाहे स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख के रूप में, जिले के मुखिया के रूप में और एक पुलिस अधिकारी के रूप में तथा फील्ड में भी स्वास्थ्य और पुलिस तथा अन्य विभाग के मैदानी अमले में महिलाओं ने घर के साथ-साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया और कोरोना संकट का एकजुटता के साथ सामना किया।
सुश्री उइके ने कहा कि यदि हम महिलाओं को आगे बढ़ना है, तो महिलाओं को ही अपनी ताकत बनानी होगी तथा यदि कोई महिला किसी क्षेत्र में आगे बढ़ती है तो उसका हर संभव सहयोग करना चाहिये।
इस अवसर पर राजस्थान के कोटा निवासी सुश्री बाशीरान बानो (कोटा डोरिया साड़ी डिजाइनर) और सुश्री चंद्रा गुर्जर (भ्ंदकपबतंजि ।तजपेज – डंेजमत व िडवरंतप ;रनजजपद्ध) को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को डॉ. अरूणा अभय ओसवाल, चेयरपरसन, वुमन इंटरप्रेनर्स कमेटी, पीएचडीसीसीआई, श्री संजय अग्रवाल, अध्यक्ष, पी.एच.डी.सी.सी.आई एवं डॉ. ब्लोसम कोचर, को-चेयरपरसन, वुमन इंटरप्रेनर्स कमेटी, पीएचडीसीसीआई ने भी अपना संबोधन दिया। इस अवसर पर सुश्री नगमा, श्री प्रदीप मुल्तानी तथा एस.ए.एम. ग्लोबल यूनिवर्सिटी की छात्राएं उपस्थित थी।