निकुम ब्लॉक के कोनारी-भरदा ईट भट्ठा में 68 श्रमिकों की हुई टीबी व एड्स की जांच
शिविर में टीबी के एक संभावित मरीज का सेम्पल भेजा गया सीबीनॉट लैब
दुर्ग, 5 फरवरी 2021। राष्ट्रीय क्षय उन्नमूलन कार्यक्रम अंतर्गत जिले में टीबी की उच्च जोखिम समूहों में सघन खोज अभियान “ दस्तक-2021” के तहत ईट भट्ठों में एचआईवी/ टीबी/लेप्रोसी जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान निकुम ब्लॉक के कोनारी-भरदा गांव के दर्जनों ईट भट्ठों में जिला नोडल अधिकारी डॉ. अनिल कुमार शुक्ला द्वारा माइग्रेंट श्रमिकों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता से संबंधित जानकारी दी गई।
लिंक वर्कर स्कीम एनजीओ एवं जिला एकीकृत परामर्श जांच केंद्र के सहयोग से श्रमिकों में एचआईवी स्टेट्स जानने को ब्लड जांच की गयी। शिविर में बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष ने भाग लिया। इस अभियान के अंतर्गत भरदा गांव के ईट भट्ठों में कार्यरत अन्य जिलों से आए 68 मजदूरों ने अपना एचआईवी की जांच कराई । सभी के एचआईवी स्टेट्स निगेटिव पाए गए। इनमें 4 गर्भवती महिलाओं की भी जांच की गई। शिविर में एक मजदूर में टीबी के संभावित लक्षण पाए जाने पर सेम्पल जांच लिए सीबीनाट लैब में भेजे गए हैं।
कार्यक्रम के दौरान आईसीटीसी काउंसलर गणेश निर्मलकर ने बताया, “राष्ट्रीय स्तर पर एड्स पर नियंत्रण के लिए अपना एचआईवी स्टेट्स जांच अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान मजदूरों को स्वास्थ्य के संबंध में सावधानियां बरतते हुए समय-समय पर जांच कराने की सलाह दी गई”।
जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. शुक्ला ने बताया, “जिले के सभी ब्लॉकों में टीबी की उच्च जोखिम समूहों में सघन खोज अभियान के तहत 11 जनवरी से 9 फरवरी तक “टीबी हारेगा देश जीतेगा” कार्यक्रम चलाया जा रहा है। ऐसे लोग जो एचआईवी के पीड़ित होते हैं इनके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से टीबी जैसे गंभीर संक्रामक रोग से ग्रसित होने की प्रबल संभावना बनी रहती है। इस लिए एड्स, टीबी व कुष्ठ रोगों से प्रभावितों की खोज के लिए एक्टिव केस फाईंडिंग के खोजी दल हाई रिस्क एरिया में सघन सर्वेक्षण कर हर दिन राज्य कार्यालय को जानकारी भेज रही है।
खोज अभियान व शिविर में चिंहांकित टीबी के संभावित मरीजों की जांच सीबीनॉट एवं एक्स-रे के माध्यम से करवाया जाना है। संभावित टीबी मरीजों के बलगम सेम्पल को कोल्ड चैन मेंटेन करते हुए 48 घंटे के भीतर सीबीनॉट जांच केंद्र तक जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज के लैब तक ट्रांस्पोर्टेशन कर भेजा जाता है। जांच रिपोर्ट में टीबी के रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर स्वास्थ्य कर्मी व मितानिन द्वारा मरीज को पूरा कोर्स की दवाई निगरानी में खिलाई जाती है”। शिविर में डीआरपी शशि मोहन, उपमा, आईसीटीसी के एलटी ओम प्रकाश साहू, पिंटू यादव जिला समन्वयक विमल वर्मा, टीबी हेल्थ विजिटर व टीकेश्वर साहू भी उपस्थित रहें।