हिंदू वोटों पर नजर, ममता बनर्जी ने ‘अल्पसंख्यक कट्टरता’ को लेकर किया सतर्क
कूचबिहार
ममता बनर्जी ने बीजेपी से मुकाबले के लिए अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार 'अल्पसंख्यक कट्टरता' का जिक्र किया है और लोगों को इसके खिलाफ सचेत किया है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन (एमआईएम) का नाम लिए बिना उन्होंने इस पर निशाना साधा है।
ममता ने कूचबिहार में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक में कहा, 'मैं देख रहा हूं कि अल्पसंख्यकों के बीच कई कट्टरपंथी हैं। इनका ठिकाना हैदराबाद में है। आप लोग इन पर ध्यान मत दें।' इस बैठक के बाद ममता बनर्जी कूचबिहार स्थित मदन मोहन मंदिर गईं और प्रार्थना की। यहां से वह राजबाड़ी ग्राउंड में आयोजित रास मेला में भी शिरकत करने पहुंचीं।
…तो टीएमसी बदल रही अपनी लाइन
राजनीतिक विश्लेषक ममता के बयान और उनकी मंदिर यात्रा को 'हिंदू कार्ड' के तौर पर देख रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस बीजेपी से मुकाबले के लिए अपनी लाइन बदल रही है। दरअसल कूचबिहार में हिंदू वोटरों की संख्या ज्यादा है और तृणमूल कांग्रेस की नजर इसी वोट बैंक पर है।