भाजपा जातिवाद का जहर घोलने का प्रयास ना करें -तिवारी
मोदी जी देश को बताएं सवर्ण आरक्षण बिल है या सामान्य आरक्षण बिल – कांग्रेस
भाजपा सवर्ण आरक्षण बिल का लॉलीपॉप पकड़ाकर प्रदेश की जनता को गुमराह ना करें – तिवारी
रायपुर, सवर्ण आरक्षण बिल राज्य में लागू करने को लेकर भाजपा के द्वारा भ्रम फैलाया जाना उचित नहीं। स्वर्ण आरक्षण बिल आर्थिक आधार पर कमजोर वर्गों को रोजगार और शिक्षा पर देने की बात कही गयी है यह देश में सवर्णो के आंख में धूल झोंकने जैसा है मोदी जी ने लोकसभा चुनाव में अपने घोषणापत्र में प्रत्येक वर्ष 2 करोड़ों युवाओं को रोजगार देने की बात कही और उन वादों से मुकर गए, अब देश में रोजगार उपलब्ध ही नहीं तो स्वर्णो के साथ 10 प्रतिशत रोजगार के नाम पर आरक्षण का झुनझुना क्यों..?
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने भाजपा प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी के सवर्ण आरक्षण बिल पर कांग्रेस की बदनीयति के आरोप पर कड़ा ऐतराज जताते हुए तीखे शब्दों में पलटवार करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में विपक्ष के दायित्वों का निर्वहन अवश्य करें। सत्तारूढ़ कांग्रेस की आलोचना भी करें, मगर शांति प्रिय छत्तीसगढ़ प्रदेश में जातिवाद का जहर घोलने का प्रयास ना करें। सवर्ण आरक्षण बिल के नाम पर बनाए गए कानून को कांग्रेस पार्टी ने भी समर्थन दिया है इस बात को प्रदेश की जनता भली-भांति समझती है। केंद्र सरकार के द्वारा प्रस्ताव उपरांत किसी भी बिल पर कानून बनाए जाने के पश्चात राज्यों में क्रियान्वित करने के अपने नियम कायदे बने हुए हैं, केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून को लेकर नोटिफिकेशन जारी करती है। राज्य की सरकार उसे विधानसभा के पटल में रखकर प्रस्ताव पारित करती है, तत्पश्चात उस कानून का पालन राज्यों में संपादित होता है, यह प्रावधान है। छत्तीसगढ़ सरकार को ऐसा किसी प्रकार का नोटिफिकेशन अभी तक प्राप्त ही नहीं हुआ है, प्राप्त होने के पश्चात देश में बने कानूनों का पालन हमारा नैतिक कर्तव्य है, कांग्रेस देश के संविधान को लागू करने वाली पार्टी है और संविधान का पालन करना और सम्मान करना भली भांति जानती है, समझती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे दिनों के वायदे प्रत्येक भारतीय के खाते में 15 लाख रुपए जमा करने, प्रत्येक वर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने, देश की महंगाई पर काबू पाने ऐसी बड़ी-बड़ी बातें कर सत्ता पर काबिज होने के पश्चात किए गए अपने वादों से मुकर गए। नोटबंदी, जीएसटी जैसे बड़े फैसलों की विफलता के पश्चात देश की जनता को लोकसभा चुनाव नजदीक आते देख अपने कार्यकाल के अंतिम सत्र में सवर्ण आरक्षण बिल लाकर सवर्णो के नाम पर लॉलीपॉप दिखाने का कार्य किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सवर्ण आरक्षण बिल के नाम पर सवर्णों के साथ धोखा किया है। सवर्ण आरक्षण यदि सवर्णो के लिए ही है तो इसका लाभ ब्राह्मण, क्षत्रिय, बनिया वह वर्ग जो सवर्णो में समाहित है उन्हें ही मिलना चाहिए, मगर शब्दों की पैंतरेबाज़ी में सवर्णा आरक्षण बिल देश में आर्थिक रूप से कमजोर हर उस वर्ग के लिए है जो किसी भी जाति वर्ग से आते हो तो फिर इसे सवर्ण आरक्षण बिल का नाम क्यों दिया गया यह तो सामान्य वर्ग आरक्षण बिल ही है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा आर्थिक आधार पर लाए गए सवर्ण आरक्षण बिल का कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा, राज्यसभा में समर्थन किया है। समर्थन का आशय देश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का उत्थान हो और उनको लाभ मिले इन भावनाओं के आधार पर समर्थन किया है कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही देश विकास और जनता की आर्थिक मजबूती के लिए तत्पर रही है, इतिहास गवाह है। राजनीतिक फायदे के लिए कांग्रेस की नीयत पर सवाल उठाना भाजपा की फितरत हैं।