एस. ई. सी. एल. का नया गेम,आश्रितों को निकाला नौकरी से तो मजदूर बैठे अनिश्चित कालीन हड़ताल पर, मजदूरों के साथ ये कैसा छल!!

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विस्थापन व जमीन के बदले नौकरी की मांग को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने दिया आमाडॉड खदान में धरना

सैकड़ो की संख्या में महिलाएं व मजदूर बैठी खदान के मुहाने पर

हमारी नौकरी वापस दो,नही तो खदान बन्द करो के लगे नारे,

आमाडाण्ड/कोतमा। आमाडॉण्ड खुली खदान परियोजना में मजदूरों की भर्ती व 13 साल बाद नौकरी से निकाल देने को लेकर कालरी प्रबंधन व मजदूरों के बीच का विवाद थमने का नाम नही ले रहा। एक तरफ जहां कालरी प्रबंधन उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देकर मजदूरों की छंटनी करने में लगा है। वही अपनी जमीन देकर नौकरी की चाह पर खदान खुलवाने का समझौता करने वाले मजदूर अब कालरी प्रबंधन व जिला प्रशासन की तदर्थ समिति के निर्णय के आगे ठगे महसूस हो रहे।
जिसको लेकर पिछले 6 माह से लगातार रह रह कर मजदूरों का अनशन जारी है।

क्या है मामला

आमाडॉण्ड खुली खदान परियोजना की स्थापना सन 2008 में हुई थी। जिस खदान के अन्तर्गत कुहका,आमादण्ड,बरतराई,निमहा टिमकी टोला
अंतर्गत जिन किसानों की भूमि कालरी प्रबंधन द्वारा अधिग्रहण की गई थी जिसके बाद किसानों को भूमि के एवज में खदान में नौकरी दी गई थी लेकिन 13 वर्ष बाद नियमों का हवाला देकर लगभग 58 लोगों को जो खदान में नौकरी कर रहे थे।कालरी प्रबंधन द्वारा नौकरी से हटा दिया गया जिसके बाद यह आंदोलन उपजा है। वही जिन किसानों की भूमि अधिग्रहण हुई थी और जिन्हें नौकरी से निकाला गया है उनका कहना है कि जब खदान 2008 में खुली थी तो कालरी प्रबंधन द्वारा 2012 के नियमों का हवाला देकर कैसे किसानों को हटाया सकता है। प्रबंधन ना तो पुनर्वास अधिनियम के तहत किसानों को लाभ दे रही है और ना ही सरकार या प्रशासन की गाइडलाइन का पालन कर रही है जिससे 58 परिवार रास्ते में आ गए हैं
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे मजदूर और किसान
कॉलरी प्रबंधन द्वारा आमाडाड जमुना कॉलरी क्षेत्र के जिन किसानों की भूमि अधिग्रहण की गई थी उनमें से 58 किसानों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। जिसको लेकर अमांडाड खुली खदान में आज 20 जनवरी बुधवार को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा किसानों के व मजदूरों के समर्थन पर खदान के मुख्य द्वार पर दाना पानी लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं।

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेस संगठन मंत्री ने की मांग
विस्थापितों को जमीन के बदले नौकरी व रहने को जगह दो।

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय सचिव, प्रदेस संगठन मंत्री वीरेंद्र सिंह मरावी ने मीडिया से रूबरू होकर बताए कि आमादण्ड खुली खदान में विस्थापित व किसान मजदूरों की भर्ती हेतु मैँन पावर कामगार हेतु कुल रोजगार 899 स्वीकृत हैं। जिसमे अभी तक कुल भर्ती 516 मजदूर कार्यरत थे। जिसमें से
58 मजदूरों को कालरी अधिनियम 2008/2012 का हवाला देकर मजदूरों को निकाल दिया गया है। बाकी लोगों को भी निकालने की प्रक्रिया चल रही है। वीरेंद्र सिंह द्वारा बताए अनुसार कोमल केवट निवासी टिमकी टोला द्वारा उच्च न्यायालय में यह याचिका लगाई गई कि आमादण्ड खुली खदान में बाहरी लोगों की फर्जी भर्ती हुई है। इसकी जांच की जाए इसके एवज में उच्च न्यायालय ने यह गॉइड लाइन जारी की की 2008 की नियमावली व 2012 की नियमावली अनुसार भर्ती लोगों की स्कूटनी की जाए। जिसके एवज में सरकार द्वारा जिला प्रशासन को जिला पुनर्वास समिति का गठन करने का आदेश हुआ।जिला पुनर्वास समिति ने कालरी प्रबंधन व मजदूरों से बैठक कर इस निर्णय पर पहुंची की कालरी पुनर्विस्थापन नीति अधिनियम 2012 के तहत डिसेंडिंग सिस्टम व क्लबिंग सिस्टीम के तहत भर्ती की जाए जबकि 2008 की नियमावली अनुसार क्लबिंग सिस्टम से भर्ती लागू थी जिसके तहत जमीन के बदले नौकरी दी गयी थी। समिति ने यह निर्णय लिया कि की 2008 से की गई क्लबिंग नीति की भर्ती को स्कूटनी कर 2012 की डिसेंडिंग नीति के तहत स्कूटनी की जाए। जबकि 2008 में क्लबिंग सिस्टम था। और 2012 में दोनों नियम के तहत भर्ती का नियम लागू कर रहे हैं। जिस कारण 2008 के क्लबिंग सिंस्टम की भर्ती को निरस्त कर एकतरफा कार्यवाही करते हुए मजदूरों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा।

विस्थापन व जमीन के बदले नौकरी की मांग को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने दिया आमाडॉड खदान में धरना
आज 20 जनवरी दिन बुधवार को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में मजदूर व किसान, महिलाओं सहित आमादण्ड खुली खदान परियोजना के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए। मजदूरों व किसानों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठने से कालरी प्रबधन प्रशासनिक सुरक्षा व्यवस्था हेतु जिला प्रशासन को सूचित किये जिसके रामनगर थाने का बल व तहसीलदार मनीष शुक्ला व उपतहसीलदार सिंह थाना प्राभारी रामनगर आर के सोनी, दल बल सहित खदान में उपस्थित रहे।

ये रहे उपस्थित आज के अनिश्चितकालीन आंदोलन में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम सिंह मरकाम,मुख्य अतिथि उपस्थित रहे साथ ही विशिष्ठ अतिथि के रूप में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय पन्द्राम, अनिल सिंह धुर्वे,रामप्रताप कुश्वाहाफुल सिंह पेन्द्रों,तेज प्रताप सिंह उइके,कुलदीप प्रजापति,रामखेलावन तिवारी,संजय कमरू, बिहारी लाल साहू,मुन्ना तिवारी जयनाथ केराम,तोष सिंह आयाम दुर्गा सिंह मरकाम,नीलम सिंह मरावी,भारत पोट्टम,तीर्थ सिंह मरकाम,चन्डिजा पोर्ट,सुरेश कोर्राम,ललन सिंह परस्ते,वीरेंद्र सिंह मरावी,अमर सिंह,दुर्गा सिंह कोर्राम,बीरन सिंह आर्मो,सुखलाल सिंह परस्ते,अमर बहादुर प्रीतम सिंह मरावी,योगेश सोनी योगेश प्रताप मसीह,गनपत परस्ते,राम प्रमोद माखन सिंह,मोहन सिंह,दिनेश लहरे, आमादण्ड संघर्ष समिति,
सहित सैकड़ों की संख्याओं में महिलाएं प्रशासन से
तहसीलदार मनीष शुक्ला व उपतहसीलदार बिजुरी सिंह थाना प्राभारी रामनगर आर के सोनी, दल बल सहित अनिश्चितकालीन आंदोलन में कानून व्यवस्था बनाये रखने हेतु खदान में उपस्थित रहे।

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