पीसीआरए ने ‘हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा’ के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान ‘सक्षम’ आरम्भ किया

0

नई दिल्ली : जीवाश्म ईंधनों के उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता सृजित करने के उद्देश्य से, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान एसोसिएशन (पीसीआरए) ने बढ़ते कार्बन फुटप्रिंट के प्रतिकूल स्वास्थ्य और पर्यावरणगत प्रभावों को रेखांकित करते हुए महीने भर चलने वाला अभियान लांच किया। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव तथा पीसीआरए के अध्यक्ष श्री तरुण कपूर ने आज यहां अभियान की शुरुआत की। ‘सक्षम’ का उद्देश्य उपभोक्ताओं को स्वच्छ ईंधनों की तरफ प्रेरित करने के लिए भरोसा दिलाना तथा जीवाश्म ईंधन का बुद्धिमानी से उपयोग करने के लिए व्यवहारगत बदलावों को लाना है।

साइक्लोथॉन, किसान कार्यशालाओं, संगोष्ठियों, चित्रकला प्रदर्शनी, सीएनजी वाहन ड्राइविंग प्रतियोगिता आदि जैसी देश भर में चलने वाली विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से यह अभियान स्वच्छ ईंधन के उपयोग के लाभों के बारे में आम लोगों के बीच जागरूकता फैलाएगा। यह अभियान 7 वाहकों के बारे में भी जागरूकता फैलाएगा, जिसका प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने यह कहते हुए कि सामूहिक रूप से ये भारत को स्वच्छ ऊर्जा की ओर ले जाने में सहायता करेंगे, हाल ही में उल्लेख किया था।

प्रमुख वाहकों में गैस आधारित अर्थव्यवस्था, जीवाश्म ईंधनों का स्वच्छ उपयोग, जैव ईंधनों को प्रेरित करने के लिए घरेलू स्रोतों पर अधिक निर्भरता, निर्धारित समय सीमाओं के साथ नवीकरणीय लक्ष्यों को अर्जित करना, गतिशीलता में कार्बन की मात्रा कम करने के लिए बिजली के वाहनों के उपयोग में वृद्धि, हाइड्रोजन जैसे स्वच्छ ईंधनों का अधिक उपयोग और ऊर्जा की सभी प्रणालियों में डिजिटल नवोन्मेषण शामिल हैं।

इस अवसर पर, श्री तरुण कपूर ने ऊर्जा संरक्षण उपायों को अपनाने तथा स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा उद्यमों को विविधिकृत करने हेतु उठाए गए कदमों के लिए ऊर्जा कंपनियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सक्षम जैसी पहलें ऊर्जा उपभोग को घटाने तथा ऊर्जा दक्षता उपायों को अपनाने में सहायता करती हैं, जिससे लोगों का जीवन स्तर बेहतर होता है, स्वच्छ पर्यावरण, निर्वहनीयता बढ़ती है तथा देश का विकास होता है। श्री कपूर ने कहा कि इस वर्ष के अभियान की थीम न केवल जीवाश्म ईंधनों के संरक्षण पर, बल्कि हरित ऊर्जा को भी बढ़ावा देने पर फोकस करती है। उन्होंने कहा कि सभी ऊर्जा कंपनियां अब ईंधनों, जो स्वच्छ हैं तथा बहुत कम कार्बन फुटप्रिंट छोड़ती हैं, में परिवर्तन का हिस्सा हैं। श्री कपूर ने भारत की ऊर्जा मांग में वृद्धि को देखते हुए ऊर्जा संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया और जब हम आगे की ओर बढ़ रहे हैं, ऊर्जा दक्षता तथा निर्वहनीयता के दोहरे लक्ष्य को अर्जित करने के लिए प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने तथा डिजिटल नवोन्मेषण की अपील की।

सचिव ने तेल एवं गैस संरक्षण की शपथ दिलाई। उन्होंने राज्य सरकारों तथा तेल कंपनियों द्वारा तेल एवं गैस संरक्षण में असाधारण कार्य के लिए पुरस्कार दिए तथा केएमपीएल बेहतरी के लिए एसटीयू को भी पुरस्कृत किया। उन्होंने रिफाइनरों के लिए ‘पीएटी साइकिल-II में सर्वश्रेष्ठ निष्पादन’ के लिए भी पुरस्कार दिया।

इस अवसर पर ऊर्जा सक्षम पीएनजी स्टोव के संवर्धन के लिए पीसीआरए तथा ईईएसएल के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किया गया।

सक्षम के पिछले वर्ष के संस्करण में पीसीआरए की प्रमुख राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 1.48 करोड़ से अधिक स्कूली बच्चों ने भाग लिया था, जिनका आयोजन युवा वर्गों के बीच ईंधन संरक्षण ऊर्जा दक्षता एवं पर्यावरण सुरक्षा के महत्वपूर्ण संदेश को प्रसारित करने के लिए किया गया था। महीने भर चलने वाले कार्यक्रम में, देश भर में आयोजित लगभग 47,000 कार्यक्रमों के जरिए लगभग 9 करोड़ लोगों से सीधा संपर्क किया गया था। पिछले कई वर्षों से पीसीआरए विभिन्न क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता एवं संरक्षण को बढ़ावा देने में अग्रणी रहा है तथा ऊर्जा के स्वच्छ एवं हरित रूपों को अपनाने की आवश्यकता के बारे में नागरिकों को संवेदनशील बनाने की दिशा में कार्य करता रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *