शिक्षाकर्मी हड़ताल का नहीं हो रहा समाधान,बच्चे और अभिभावक हुए परेशान, शिक्षाकर्मी अब रैली निकाल कर अपना विरोध दर्ज करा रहे ,समर्थन में उतरे सभी रास्ट्रीय और छेत्रिय पार्टी दल

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JOGI EXPRESS

चिरमिरी/खड़गवां-प्रदेश के 1.80लाख शिक्षाकर्मी हड़ताल पर हैं जिससे शिक्षा व्यवस्था जिले और ब्लॉकों में बुरी तरह लड़खड़ा गई  है।हड़ताल का असर  किस करवट लेगी यह कहना अभी उचित नहीं है  ,
सरकार कब मांगों पर सुनवाई करेगी,ये तो भविष्य के गर्भ में है किंतु अभी शिक्षाकर्मियों ने अपनी मंशा व ताक़त स्पष्ट कर दी है।शिक्षाकर्मियों के संघों ने मोर्चा गठित कर सरकार की पेशानी पर चिंता की लकीरें खींच दी है।इस दवाब से सरकार कैसे निपटेगी ये विचारणीय है।सरकार मांगें मानेगी या तो दमन चक्र शुरू करेगी यदि दमन चक्र शुरू हुआ तो यह देखना दिलचस्प होगा कि शिक्षाकर्मी उस दमन चक्र का सामना करेंगे या बिखर जायेंगे ।या और उग्र आंदोलन से सरकार को और अधिक दवाब में ला पाने में समर्थ होंगे ।जो भी हो अभी ये हड़ताल पूरे प्रदेश में गर्माहट जरूर ले आयी है।
 इस हड़ताल का दुखद पहलू उन नौनिहालों के लिए है जो अपने शिक्षकों की बांट जोह रहे हैं।कोरिया जिले में जनपद खड़गवां की बात करें तो यहां शासकीय प्राथमिक स्कूल 187,शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल 80,शासकीय माध्यमिक स्कूल 23 और शासकीय उच्चतर माध्यमिक  स्कूल 14 से संचालित हैं।
प्राथमिक स्कूल हड़ताल की वजह से हाल सबसे ज्यादा बेहाल है,लगभग 187 स्कूल में लगभग 158 में तालाबंदी की स्थिति है।सर्वविदित है कि शिक्षा की नींव प्राथमिक स्तर ही है,जहां कच्चे मिट्टी को आकार देने का कार्य होता है,किन्तु खड़गवां में नींव पूरी तरह विकराल रूप लेकर प्रभावित हो गया है।ठीक इसी तरह पूर्व माध्यमिक स्कूल 80 में 30 में पूर्ण तालाबंदी है।सच्चाई ये है कि पहली से आठवीं तक कि कक्षाएं पूरी तरह से ठप्प है,
सिर्फ सहायिका और नियमित शिक्षक मध्यान्ह भोजन संचालित कर रहे हैं।इसके विपरीत हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल 37 में 20 पूरी तरीके से प्रभावित हैं,जहां कार्य चल रहा वहां नियमित प्राचार्य और विद्या मितान व्यवस्था देख रहें हैं।कुल मिला कर हड़ताल से खड़गवां में शिक्षा का हाल बेहाल है,अमूमन यही हाल पूरे जिले में है।पता नहीं ये हालात कब तक रहेंगे?विद्यालय की रौनक कब लौटेगी?ये एक गंभीर प्रश्न बन चुका है।
शिक्षाकर्मी हड़ताल में अब कांग्रेस ,बीजेपी ,और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे,गोडवाना गड्तंत्र पार्टी  ने भी अपना समर्थन दिया है ,लगातार आज चल रही हड़ताल से अब बच्चो की पढाई पर असर दिखना शुरू हो गया है ,अभिभावक अब बच्चो की पढाई को ले कर असमंजस की स्थिति में है! हड़ताल समाप्त होगी या सरकार कोई वैकल्पिक हल निकालती है एस पर अब अभिभावकों की नज़र है !

क्या है शिक्षाकर्मीयो की 9 मांगे… 

1-संविलियन करते हुए (समान काम-समान वेतन) क्रमोन्नत /समयमान वेतनमान के साथ 7 वां वेतनमान का लाभ 1.1.2016 से दिया जाए।
2-क्रमोन्नत/समयमान वेतनमान भूतलक्षी प्रभाव से जारी किया जाए तथा सेवाकाल में दो पदोन्नति अनिवार्य किया जाए।
3-सहायक शिक्षक पंचायत के लिए समानुपातिक वेतनमान संरचना निर्मित कर उक्त वेतनमान का लाभ 1.5.2013 से दिया जाए।
4-अप्रशिक्षित शिक्षकों को नियमितीकरण किया जाए तथा उन्हें समयमान /पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ दिया जाए तथा संवैतनिक विभागीय प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए।
5-शिक्षक पंचायत के सभी संवर्ग का वरिष्ठता के आधार पर प्राचार्य एवम प्रधानपाठक पदों पर पदोन्नति किया जाए।
6-व्याख्याता ,व्यायाम शिक्षक,उर्दू शिक्षक (पं/न0नि0) की पदोन्नति किया जाए।
7-समग्र वेतनमान (मूल वेतन+महंगाई भत्ता) पर cps कटौती एवं 1.1.2004 के पूर्व नियुक्त शिक्षाकर्मी को पेंशन, ग्रेच्युटी,समूह बीमा,जी0पी0एफ़0  का लाभ दिया जाए।
8-खुली स्थानांतरण नीति नियमित शिक्षकों की तरह शिक्षाकर्मियों के लिए बनाया जाए।
9-TET, D. Ed. के बिना अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान कर  न्यूनतम योग्यता न होने पर चतुर्थ श्रेणी वर्ग की नौकरी प्रदान किया जाए।

इनका कहना है ….

प्रदेश संचालक मंडल जैसा  भी अब आगे आदेश करेगा उसे जिला संचालक मंडल व सभी ब्लाको के संचालक मंडल आन्दोलन में अपनी सहभागिता  निभाएंगे सरकार सिर्फ कर्तव्यों का बोध कराना जानती है आखिर अधिकार कौन देगा,20 सालों से सेवा पुस्तिका सत्यापन नहीं हुआ,प्रमोशन एक पद में रहते हुए 20 साल से नहीं हुआ वर्ग 1 का,क्रमोन्नति वेतनमान नहीं मिल रहा,गिनती भूल जाएं सरकार के सौतेले व्यवहार की।और कहते हैं हड़ताल असंवैधानिक है।जैसे जैसे सरकार सख्त होगी आंदोलन और उग्र होगा!

ओम प्रकाश खैरवार 

जिला संचालक कोरिया

शिक्षक.पं.न .नि.मोर्चा 

 

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