धनपुरी ओसीएम में लहटा शनीचर, कोयले पर गुप्त रूप से पड़ रहा भारी,

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सफेद कलर के पीछे धनपुरी ओसीएम का काला साम्राज्य

शहडोल, धनपुरी, एस ई सी एल सोहागपुर एरिया की सबसे ज़्यादा उत्पादन करने वाली माइंस धनपुरी ओसीएम को ग्रहण लग चुका है, मशीनें बिगड़ी पड़ी है और उत्पादन छमता दिन प्रतिदिन लक्ष्य से कोसो दूर होती जा रही है, इस तरह धनपुरी ओ सी एम का बीमार हो जाना शुभ संकेत नही माना जा सकता जानकर पंडित बताते है कि यह सब गुप्त पनौती के कारण हुुुआ है, जिसके पूजाा-पाठ करवानी पड़ेगी वाह गुप्त पनौती को हटाना पड़ेगा तभी इस का शनीचर हटेगा, नहीं तो यह दोष इसी तरह सनीचर बनकर नुकसान पहुंचाता रहेगा,अब उपभोक्ताओंं को कोयला धनपुरी सेे कैसे मिलेगा ?उपभोक्ताओं को हुए नुकसान की भरपाई एसईसीएल प्रबंधन कैसे पूर्ण करेगी? यह सवाल समय के ग्रह गर्भ में छुपा हुआ है परंतु कोयला न उठने की स्थिति में उपभोक्ताओं के लिए भारी मुसीबत जरूर खड़ी हो गई है।

क्या है पूरा मामला

सोहागपुर एरिया की सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाली धनपुरी में मशीनो में आई गड़बड़ी के कारण उत्पादन छमता घट गई है और इस खुली खदान में धनपुरी ओ सी एम में में उपभोक्ताओं को समय अवधि पर कोयला उपलब्ध करवाने में असमर्थ हो चली है, उपभोक्ताओं ने बताया कि मशीन ब्रेक डाउन होने की वजह से यह समस्या उत्पन्न हुई तो एस ई सी एल प्रबंधन इसकी भरपाई करे, उपभोक्ताओं को समय पर कोयला नही मिल रहा वही जिन उपभोक्ताओं का हजारों टन कोयला इस खदान में पड़ा है उसकी उठावनी कैसे हो पाएगी?
जब इस बाबत हमने कुछ उपभोक्ताओं और ट्रांसपोर्टर से जानना चाहा तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस खदान में ऑक्सान और ऑफर का पहले तो खेल खेला जाता है फिर जब उपभोक्ता अपना पैसा लगा कर कोयला खदान से कोयला उठाने पहुँचते है तो यह के अधिकारियों की पैसों की बढ़ती माँग से त्रस्त हो जाते है।
सूत्र बताते है कि बूम बैरियल से लेकर कांटे और फ़ील्ड फिर टारेक्स लोडिंग तक लगभग 2000 हजार रुपए का चढ़ावा बिना चढ़ाए आप अपने वाहनों को अंदर ही नही ले जा सकते,
वही टेक्निकल इंस्पेक्टर को बैंकर से लोडिंग की एवज में 40 रुपए प्रति टन, और फील्ड से टारेक्स लोडिंग पर 60 रुपए प्रति टन देना पड़ता है। यदि आप यह पैसा टेक्निकल इंस्पेक्टर को नही देते तो आपकी गाड़ी में कोयला लोड होने का प्रश्न ही नही उठता,

कौन लेता है रिश्वत..?

जब इस बाबत हमने उपभोक्ताओं और ट्रांसपोर्टरों से पूछा कि कौन लेता है आपसे रिश्वत ??
तब इस पर ट्रांसपोर्टर और उपभोक्ताओं ने कहा कि कौन नही लेता रिश्वत यह सवाल आप पूछते तो शायद ज़्यादा उचित होता, किस किस का नाम बताए हमाम में सभी नंगे हैं यदि हम नाम बता देते है तो कार्यवाही एसईसीएल अपने भ्रष्ट और रिश्वतखोर अधिकारियों पर करने की बजाएं हम लोगों पर ही गाज गिराने पर तुली रहती है बिलासपुर मुख्यालय तक शिकायतें हुई है परंतु आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई यदि विजिलेंस की टीम आती है तो यहां के भ्रष्ट अधिकारी उनको भी चढ़ावा देकर खुशी खुशी विदा करते हैं बिलासपुर मुख्यालय से आई टीमों के लिए सुरसुरा सुंदरी का इंतजाम भी करवा दिया जाता है तो फिर हमारी कौन सुनेगा? जब बात सवाब शराब और कबाब पर आ जाती है तो अच्छे-अच्छे अधिकारी नमस्ते करते हुए निकल लेते हैं यह कोई नई बात नहीं है विडंबना इस बात की है कि अब भ्रष्टाचार इस कदर एसईसीएल पर हावी हो चुका है की जर्रे जर्रे पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का मनो साम्राज्य स्थापित हो चला है। तो फिर कार्यवाही की उम्मीद किससे??.

गुप्त रही इस दीपवली एप्पल की डिमांड

*बिन पैसा सब सून, पैसा बिन न ऊबरे साहब अधिकारी और पियून,* अफसरों की तानाशाही और टशन और ठसन यदि कायम है तो उसका सीधा श्रेय कोयले की काली कामाई को जाता है, दीपावली में साहब ने उपभोक्ताओं और ट्रांसपोर्टरों को ख़ास ताक़ीद कर एक लिस्ट थमा दिया था जिसमे काजू कतली और सूखे मेवे की बड़ी माँग रही गुप्त साहब अब पूरी तरह फिट हो कर वसूली करने पर आमादा है इस सब के बावजूद पूरे लिफ़ाफ़े और मिठाइयों का हिसाब गुप्त साहब ने अपनी मैडम को पहुँचने का फ़रमान पहले ही जारी कर चुके थे, रही सही कसर मैडम ने पूरी कर दी
एक ट्रांसपोर्टरों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गुप्त मैडम को एप्पल बहुत पसंद है आप एप्पल जरूर इस बार मुझे गिफ्ट कर दीजिए, बिचारा सीधा साधा ट्रांसपोर्टर गुप्त मैडम के लिए 5 किलो कश्मीरी एप्पल ले कर पहुँचा ही था कि गुप्त मैडम का पारा सातवें आसमान पर, गुप्त मैडम ने आदेश जारी करते हुए कहा कि ए नादान ट्रांसपोर्टर अपनी अक्ल को गिरवी रख आए हो क्या?.. मुझे एप्पल का आई फोन चाहिए था, अब बेचारा ट्रांसपोर्टर कोयले का काम करना है तो आई फोन तो देना ही उचित समझ कर गुप्त मैडम को आई फोन गुप्त रूप से भेंट चढ़ा आया इस दीवाली उसका जो दिवाला निकल वो गुप्त मैडम क्या जाने ट्रांसपोर्टर बाबू, वही साहब के बच्चे भी वसूली में महारत हासिल किए हुए है उन्होंने ने भी एक लिस्ट जारी करते हुए कहा कि एकादसी के पहले पूरा सिस्टम जमा दीजिए नही तो फिर कोयले के टुकड़े के लिए तरस जाएंगे, साहबों की ऊंची ऊँची ख़्वाशियो में अब उनके बच्चे भी मंझे हुए कलाकारो की तरह सहयोग प्रदान कर रहे तो एक कहावत चरितार्थ होती है बस एक ही उल्लू काफी है बर्बाद गुलिस्तां करने को,यहाँ हर साख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम गुलिस्तां क्या होगा??

उपभोक्ताओं की सुने कौन..?

धनपुरी ओसीएम खुली खदान से अब उपभोक्ताओं को कोयले की जगह कीचड़ मिट्टी पत्थर ही उठा कर काम चालान पड़ेगा, कलर सभी का काला उपभोक्ताओं का निकला दिवाला
सूत्रों ने बताया कि यहां 40000 टन 50000 टन का ऑफर लिया था धनपुरी ओसीएम मैं पणौति बन चुके टेक्निकल इंस्पेक्टर द्वारा अब ट्रांसपोर्टरों व उपभोक्ताओं को काफी परेशान किया जा रहा है खदान में मशीन बिगड़ी हुई है अब इस कंडीशन में रद्दी और घटिया कोयला उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है जिन्होंने अपना करोड़ों रुपए इस उम्मीद पर लगाया था की चार पैसे कमाकर वह अपने परिवार का भरणपोषण करेगा अब उसके अरमान पर पानी में फिर गया, एक ट्रांसपोर्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सेनगुप्ता अपनी दिवाली मनाने के चक्कर में हम लोगों का दिवाला निकाल दिया

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