केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र में 100 कुम्हार परिवारों को बिजली चालित चाक वितरित किए

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नांदेड़ : केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कुम्हारों के सशक्तिकरण की दिशा में खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा शुरू की गई कुम्हार सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से महाराष्ट्र के नांदेड़ और परभणी जिलों में 100 कुम्हार परिवारों को बिजली से चलने वाले चाक वितरित किए। इन कुम्हारों को केवीआईसी में इस चाक से मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए 10 दिनों का प्रशिक्षण भी दिया गया है।

जिन कुम्हारों को यह चाक वितरित किए गए हैं वह 15 गांवों से सम्बन्धित हैं, जिनमें से 10 गांव नांदेड़ से और 5 गांव परभणी ज़िले से हैं। बिजली चालित चाक वितरित किए जाने से कुम्हार समुदाय के कम से 400 सदस्य लाभान्वित होंगे क्योंकि इससे ना सिर्फ कुम्हारों की उत्पादकता बढ़ेगी बल्कि उनकी आय में भी वृद्धि होगी, जो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है।

गडकरी ने केवीआईसी की कुम्हार सशक्तिकरण योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह आज़ादी के बाद पहला अवसर है जब देश के कुम्हारों की आजीविका को बेहतर करने और उन्हें सशक्त करने के लिए कोई विशेष पहल की गई है। उपेक्षित कुम्हार समुदाय को सशक्त कर मिट्टी के बर्तन बनाने की कला को लुप्त होने से बचाना प्रधानमंत्री मोदी का सपना है। गडकरी ने कहा कि कुम्हार सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत उत्पादन से जुड़े आधुनिक उपकरण और इससे उत्पादन हेतु व्यवस्थित प्रशिक्षण से कुम्हारों की आय में कई गुना की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इस योजना को आने वाले समय में महाराष्ट्र के अन्य सुदूरवर्ती क्षेत्रों और अन्य राज्यों में भी लागू किया जाएगा।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कुछ कारीगरों से बात की, जिन्होंने सरकार द्वारा उन्हें उपलब्ध कराई गई इस सहायता पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बिजली चालित चाक की मदद से उनकी उत्पादकता बढ़ी है और आय में 3-4 गुना की वृद्धि हुई है।

केवीआईसी अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना भी इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि देश भर में अब तक 18,000 से अधिक बिजली चालित चाक वितरित किए जा चुके हैं जिससे कुमार समुदाय के लगभग 80,000 लोग लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुम्हार सशक्तिकरण योजना के चलते कुम्हारों की आय 3000 रुपये प्रति माह से बढ़कर लगभग 10,000 रुपये प्रति माह तक पहुंच गई है। केवीआईसी अध्यक्ष ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के प्रत्येक कुम्हार को सशक्त करना है और केवीआईसी इस लक्ष्य को हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

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