भारतीय वायुसेना ने खारडुंगला दर्रे, लेह में स्काईडाइव लैंडिंग की

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File Photo

नई दिल्ली : सौहार्द, टीम भावना, शारीरिक एवं मानसिक साहस के गुणों को उत्पन्न करने के उद्देश्य से, भारतीय वायुसेना द्वारा हमेशा से ही अपने कर्मियों के लिए साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाता रहा है। भारतीय वायु सेना द्वारा पर्यावरण को प्रोत्साहित करके और युवा वायुसेना योद्धाओं के द्वारा साहसिक गतिविधियों की शुरुआत करने के लिए और उनको प्रेरित करते हुए वहां पर जमीनी स्तर पर साहसिक गतिविधियों वाला क्षमता निर्माण और संवर्धन की दिशा में हमेशा से ही लगातार प्रयास किया जाता रहा है।

भारतीय वायु सेना ने 08 अक्टूबर, 2020 को अपनी 88वीं वर्षगांठ मनाई है। इस अवसर को मनाने के लिए, भारतीय वायु सेना द्वारा खारदुंगला दर्रा, लेह में अपने पहले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 17,982 फीट की ऊंचाई पर अपने लिए एक उच्चतम स्काईडाइव लैंडिंग का एक नया रिकॉर्ड बनाया गया। विंग कमांडर गजनाद यादव और वारंट ऑफिसर एके तिवारी ने सी-130जे विमान से सफल स्काईडाइविंग लैंडिंग किया और 08 अक्टूबर, 2020 को लेह के खारडुंगला दर्रे में सफलतापूर्वक लैंडिंग की।

निम्न वायु घनत्व, उबड़-खाबड़ एवं पहाड़ी वाले इलाकों में ऑक्सीजन के स्तर में कम उपलब्धता होती है जिसके कारण इतनी ऊंचाई पर सफलतापूर्वक उतरना बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है। लेकिन वायु योद्धाओं ने प्रतिकूल परिस्थितियों पर काबू पाते हुए और अपनी उत्कृष्ट व्यावसायिकता, धैर्य और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करते हुए अपना सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन किया और भारतीय वायुसेना ने अपना नया रिकॉर्ड स्थापित करने में भव्य सफलता प्राप्त की है।

यह अनूठी उपलब्धि एक बार फिर से भारतीय वायुसेना के सामने आने वाली चुनौतियों के बावजूद नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने की उसकी उत्कृष्ट क्षमता का प्रदर्शन करती है और यह दर्शाती है कि अभियान, अखंडता और उत्कृष्टता के प्रति उनके आदर्श वाक्य के संदर्भ में उनकी प्रतिबद्ध लगातार बनी हुई है।

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