आत्मनिर्भर भारत एक भरोसेमंद, आत्मनिर्भर और दूसरों का ख्‍याल करने वाला राष्ट्र है : पीयूष गोयल

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नई दिल्ली : केन्‍द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज उद्योग और व्यापार संघों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की। कोविड-19 लॉकडाउन के बाद लॉकडाउन के प्रभाव का आकलन करने और उनकी गतिविधयों में बाद में ढील देने तथा अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए उनके सुझावों पर पर गौर करने के लिए संघों के साथ इस तरह की यह पांचवी बैठक थी।

बैठक में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश और श्री एच.एस.पुरी, और वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में आज संघों की ओर से सीआईआई, फिक्‍की, एसोचैम, नैसकॉम, पीएचडीसीआई, सीएआईटी, एफआईएसएमई, लघु उद्योग भारती, एसआईएएम, एसीएमए, आईएमटीएमए, एसआईसीसीआई, एफएएमटी, आईसीसी और आईईईएमए ने हिस्‍सा लिया।

संघों को संबोधित करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि भविष्‍य हमारा है, जिसे हम चुन सकते हैं- बेहतर होगा कि हम तैयार रहें और अच्‍छे विचारों, दृढ़ कार्यान्वयन योजनाओं और भारत को विश्व शक्ति बनाने के लिए कोविड के बाद की अवधि के लिए काम करना शुरू करें। प्रधानमंत्री की उक्ति ‘जान भी, जहान भी’ के बारे में बात करते हुए श्री गोयल ने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए सबसे खराब स्थिति खत्म हो गई है। अब चीजें आगे की तरफ बढ़ रही हैं और चीजों के फिर से बहाल होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आत्म-निर्भर अभियान के तहत उठाए गए कदमों से राष्ट्र को अर्थव्यवस्था से मुकाबला करने में मदद मिलेगी।

वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री ने कहा कि आत्म-निर्भर भारत केवल खुद में दिलचस्‍पी लेने वाला, संकीर्ण या विदेशी विरोधी नहीं होगा। बल्कि, यह संकल्‍पना एक आत्मविश्वास, आत्मनिर्भर, दूसरों का ख्‍याल करने वाले राष्ट्र के लिए आवश्‍यक है, जो समाज के सभी हिस्सों की देखभाल करता है और देश के सभी हिस्सों को विकसित करता है। श्री पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले तीन दशकों में उदारीकरण के बाद, देश की प्रगति हुई लेकिन विशेष ध्यान शहरों पर दिया गया। ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्र वंचित रह गए, जिससे वहां के लाखों लोगों को रोजगार और अवसरों की तलाश में शहरों की ओर पलायन करना पड़ा। उन्होंने कहा कि आत्‍म-निर्भर भारत देश के 130 करोड़ नागरिकों के मन में एकता की भावना बैठाएगा। यह भारतीय कंपनियों का समर्थन करेगा। उन्होंने कहा कि यह बात ध्यान देने योग्य है कि फर्नीचर, खिलौने, स्‍पोर्ट्स शूज जैसी अनेक सामान्‍य वस्तुओं के लिए भी हम आयात कर रहे हैं। यह इस तथ्य के बावजूद है कि देश में तकनीकी कौशल के साथ-साथ कुशल जनशक्ति भी है। इन चीजों को बदलने की जरूरत है।

श्री गोयल ने उद्योग जगत का आह्वान किया कि वह इस संबंध में निरंतर, अलग दृष्टिकोण से सोचकर प्रयास करे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई अकेले सरकार नहीं लड़ सकती, यह देश की लड़ाई है और सभी हितधारकों को एक महत्वपूर्ण सकारात्मक भूमिका निभानी है। मंत्री ने संघों को आश्वासन दिया कि उनके सुझावों की विधिवत तहकीकात की जाती है, और तर्कसंगत, वास्तविक मांगों पर उचित और समय पर कार्रवाई की जाती है।

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