किराना सामान एवं हरी-सब्जियाँ वितरण कार्यक्रम

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महासमुंद जिले के बागबाहरा तहसील के 242 ग्रामों तथा 15 वार्डों में पांच हजार पैकेट राहत सामाग्री का वितरण सम्पन्न

रायपुर :वर्तमान में पूरे विश्व में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस (कोविड-19) को एक अति संक्रामक महामारी के रूप में देखा जा रहा है। उक्त स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री द्वारा 14 अप्रैल 2020 तक पूरे देश भर मे धारा 144 लागू की गई है, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति अनावश्यक कार्य से अपने घर से बाहर नहीं निकल सकता है।

इस स्थिति को देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा निराश्रितों एवं अति गरीब राशनकार्ड धारियों को 2 माह का चावल प्रदाय किये जाने की घोषणा की गई है, ताकि जो व्यक्ति प्रतिदिन कमाकर खाने वाला परिवार का संचालन करता है उनके घर भूखमरी की स्थिति पैदा न हो। लॉकडाउन के कारण कई परिवार जो विभिन्न कारणों से वंचित की श्रेणी में आते है, उनको चावल पीडीएस के माध्यम से मिल जा रही है लेकिन आवश्यक किराना सामान एवं हरी-सब्जीयां इनको उपलब्ध नहीं हो पा रही है। उन परिवारों तक उपरोक्त राहत सामाग्री पहुचाने का जिम्मा राहत दल ने उठाया है।

इसी प्रकार महासमुंद जिले के विकासखण्ड तहसील बागबाहरा में राजस्व अनुविभागीय अधिकारी श्री भागवत जायसवाल के तत्वाधान में कोरोना राहत दल का गठन किया गया है। यह दल सभी ग्रामों एवं वार्डों में कोरोना संक्रमण रोकने के विभिन्न प्रकार के उपायों एवं अनुशासन को सुनिश्चित कर रही है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के 2500 परिवारों को प्रति सप्ताह किराना सामान एवं हरी-सब्जीयां पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्रति ग्राम पंचायत एवं नगरीय वार्ड में ऐसे 20 आय स्त्रोत विहीन परिवारों को ग्राम एवं वार्ड स्तर में चयन करके उन्हें सप्ताह भर का राशन एवं सब्जी जैसे – टमाटर, पत्ता गोभी, बैंगन, लौकी, मखना (कद्दू), बरबट्टी, आलू, प्याज, बिस्किट, टोस्ट आदि सामाग्री की उपलब्धता के अनुसार वितरण किया जा रहा है,

ताकि इन परिवारों में भुखमरी की स्थिति उत्पन्न न हो। इसके अंतर्गत इन परिवारों और व्यक्तियों का चयन सरपंच, सचिव, आंगनबाडी कार्यकर्ता, कोटवार और मितानीन आदि के द्वारा किया जा रहा है, जिन्हें वर्तमान में इन राशन सामाग्रियों की अत्यंत आवश्यकता है, उनके चयन को ध्यान रखा जा रहा है कि –
परित्यक्त महिला – ऐसी महिलाऐं जो कि अपने पति या घर परिवार से अलग रहती है, जिनके पास आय का कोई साधन नहीं या प्रतिदिन कमाकर खाते है।
विधवा महिला – ऐसी महिलाऐं जो कि विधवा है एवं उनके पास घर चलाने हेतु कोई मुखिया नहीं है अर्थात स्वयं ही घर के मुखिया है एवं घर का पालन-पोषण करती है।
विक्षिप्त/एकल महिला – ऐसी महिलाऐं जो कि अकेली रहती है, स्वयं ही आय का साधन जुटाकर या घर-घर भीख मांगकर अपना पालन कर रही है।

छोटे बच्चे वाले बिना अर्जन करने वाले पालक – ऐसे परिवार जिनके घर पिरवार के मुखिया के सिवा कोई भी व्यस्क सदस्य नहीं है एवं पालक द्वारा कोई भी आय साधन अर्जित करने में असक्त है।
दिव्यांग प्रमुख परिवार – ऐसे परिवार जिनके परिवार के मुखिया दिव्यांग है, जो कि चलने एवं कार्य करने में असमर्थ है तथा घर पर अन्य कोई कार्य करने योग्य नहीं है।
ऐसे परिवार जिनके कमाउ सदस्य अभी ग्राम में उपस्थित न हो-वर्तमान में अधिकांशतः परिवार अपने घर के रोजी-रोटी चलाने हेतु महिनों ग्राम से बाहर रहते है या बाहर कार्य करने भट्ठा जाते है, जिनकी अनुपस्थिति में घर में कोई भी सदस्य कमाकर खाने में असमर्थ है।

न्यून आय वाले परिवार – ऐसे परिवार जिनके पास आय का साधन अत्यंत कम है, उनके आय से केवल कुछ दिनों के ही भोजन की व्यवस्था होती हो।

भूमिहीन परिवार – ऐसे परिवार जिनके पास कोई भी भूमि नहीं है, जिससे वे कमाकर भोजन की व्यवस्था कर सके।
दैनिक सामाग्री वितरण कर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले परिवार – ऐसे परिवार जिनके घर के मुखिया द्वारा प्रतिदिन दैनिक बेचकर अपने घर का पालन पोशण करता है। अन्य किसी वास्तविक कारण के आधार पर।ऐसे परिवारों एवं व्यक्ितयों की भूखमरी की स्थिति न हो की जानकारी एकत्रित की जा रही है एवं उनके परिवारों को 1 सप्ताह का राशन राहत दल द्वारा प्रदाय किया जा रहा है। इसमें प्रतिदिन 20-22 ग्राम पंचायतों का चयन कर उन ग्राम पंचायतों में राहत दल द्वारा उपलब्धता के अनुसार दैनिक उपभोग की सामाग्री संबंधित पंचायत या आंगनबाडी केन्द्रों तक पहुचाई जा रही है।

इस पैकेट राहत सामाग्री में (प्रत्येक ग्राम पंचायत में 20 परिवार के मान से) – आलू – 50 कि.ग्रा.,प्याज – 10 कि.ग्रा., झुरगा बीज – 5 कि.ग्रा., काबुली चना – 5 कि.ग्रा., मसुर – 5 कि.ग्रा., सोयाबीन बड़ी – 5 कि.ग्रा., टमाटर – 20 कि.ग्रा., बैंगन – 20 कि.ग्रा., पत्ता गोभी – 20 नग, बरबट्टी – 5 कि.ग्रा., मखना – 10 नग, मिर्च, लौकी – 20 नग एकमुश्त प्रदाय किया जा रहा है। जिसको पंचायत स्तर पर हितग्राहीवार पैकेट बनाकर वितरण किया जा रहा है तथा उक्त सामाग्रीयों को पंचायत समिति द्वारा प्राप्त कर वास्तविक जरूरतमंदो तक घर-घर जाकर वितरित किया जा रहा है एवं उनसे सामाग्री प्राप्त किये जाने की पावती प्राप्त की जा रही है। इसके अतिरिक्त अत्यावश्यक स्थिति में मांग किये जाने पर अतिरिक्त सामाग्री भी उपलब्ध कराई जा रही है, एवं वितरण किये जाने के दौरान सामाजिक दूरी का पालन एवं संक्रमण सम्बन्धित समस्त जानकारी का प्रचार किया जा रहा है।

अब तक राहत दल के द्वारा स्टोर रूम में संग्रहित सामाग्री – आलू – 4800 कि.ग्रा., झुरगा बीज – 420 कि.ग्रा., काबुली चना – 420 कि.ग्रा., मसुर – 510 कि.ग्रा., सोयाबीन बड़ी – 465 कि.ग्रा., टमाटर – 1200 कि.ग्रा., बैंगन – 3000 कि.ग्रा., पत्ता गोभी – 110 कि.ग्रा., बरबट्टी – 120 कि.ग्रा., प्याज – 1250 कि.ग्रा., मखना – 60 कि.ग्रा., मिर्च – 11 कि.ग्रा., लौकी – 2500 कि.ग्रा. वर्तमान में अब तक कुल 1560 परिवारों को (कुल 78 पंचायतों में) राहत दल द्वारा राहत साग्रायों का वितरण किया जा चुका है, जो क्रमशः जारी है। प्रशासन जनसहयोग के लिए भी अपील करती है कि लॉकडॉउन से प्रभावित होने वाले अति जरूरतमंद परिवारों तक राहत सामाग्री पहुंचाने हेतु सामाग्री एवं सहायता प्रदान करें,

जिससे कोई भी परिवार भूखमरी या अतिकुपोषण की स्थिति तक नहीं पहुंच सके। सहायता हेतु सम्पर्क करें, बागबाहरा कोरोना हेल्पलाईन नंबर-9926162102, 8602398968 एवं साथ ही आप स्वयं जनपद पंचायत बागबाहरा के सभा कक्ष राहत सामाग्री स्टोर रूम में भी योगदान कर सकते है। यदि आपके संज्ञान में कोई भी अतिजरूरतमंद परिवार जिन्हें राहत सामाग्री की अतिआवश्यकता हो उस हेतु आप संपर्क नंबर में फोन कर सकते है जिससे उन परिवारों को राहत सामाग्री तत्काल प्रदान की जा सके।

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