कोरोना के साथ-साथ कुपोषण से भी हो रही कोरबा की जंग

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जिले में 1.22 लाख हितग्राहियों को घर-घर पहुंचाकर दिया जा रहा रेडी टू ईट पोषक आहार

ढाई हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लगीं काम पर

कोरबा कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देश भर में लागू लॅाक डाउन होने से राज्य के शैक्षणिक संस्थान सहित आंगनबाड़ी केंद्र भी बंद रखे गये हैं। इस दौरान कोरोना के नियंत्रण और रोकथाम के साथ-साथ छोटे बच्चों और गर्भवती, शिशुवती माताओं के पोषण स्तर को बनाये रखने के लिए भी सभी जरूरी इंतजांम कर लिए गये हैं।

जिले की सभी गर्भवती महिलाओं, शिशुवती माताओं तथा छः माह से लेकर छः साल तक के बच्चों को घर पहुंचाकर रेडी टू ईट पोषक आहार दिया जा रहा है। घर-घर जाकर हेल्दी रेडी-टू-ईट फूड के वितरण में जिले की लगभग ढाई हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता काम पर लगी हैं। कोरोना से बचाव के लिए लोगों को बार-बार हाथ धोने, एक-एक मीटर की दूरी बनाये रखने और एक जगह इकट्ठा होकर भीड़ नहीं लगाने की समझाईस भी कार्यकर्ताओं द्वारा इस दौरान दी जा रही है। कार्यकर्ता कोरोना वायरस से बचाव के प्रति बच्चों और महिलाओं के साथ ग्रामीणों को भी जागरूक करने में पूरा सहयोग कर रही है।

जिले की आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों, गर्भवती और शिशुवती समेत कुल एक लाख 22 हजार 529 हितग्राहियों को हेल्दी रेडी-टू-ईट फूड घर-घर जाकर दिया जा रहा है। अभी इन सभी लोगों को दो दो पैकेट पोषण आहार वितरित किया जा रहा है। जिला महिला बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी श्री पी. क्रिसपोट्टा ने बताया कि अप्रेल माह से इन सभी एक लाख 22 हजार 529 महिलाओं और बच्चों को एक-एक माह का हेल्दी रेडी-टू-फूड का वितरण किया जा रहा है।

उन्होनंे बताया कि जिले में छः माह से 36 माह के सामान्य बच्चों की संख्या 51 हजार 792, और 3 वर्ष से 6 साल के सामान्य बच्चों की संख्या 49 हजार 652 है। इन सभी को पौष्टिक रेडी-टू-ईट उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही 10 हजार 699 गर्भवती महिलाओं और 10 हजार 386 शिशुवती महिलाओं को भी हेल्दी रेडी-टू-फूड एक-एक माह का प्रदाय किया जा रहा है। कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं द्वारा गंभीर कुपोषित बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

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