कोरोना वायरस (कोविड-19) की महामारी से निपटने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उठाए गए कल्याणकारी कदम

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 सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गरीब परिवारों को अप्रैल एवं मई माह 2020 का चावल एकमुश्त निःशुल्क वितरण।
 अवकाश अवधि में स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन हेतु 40 दिनों का सूखा दाल और चावल पालकों को स्कूल से प्रदाय।
 आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों, गर्भवती-शिशुवती माताओं और किशोरी बालिकाओं को उनके घरों में जाकर रेडी-टू-ईट फूड का वितरण।
 सभी नगरीय निकायों में अनुज्ञा, परमिट, लायसेंस आदि नवीनीकरण की समय-सीमा में एक माह की वृद्धि।
 नगरीय निकायों में सम्पत्ति कर जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च को बढ़ाकर 30 अप्रैल किया गया।
 राजस्व न्यायालयों में प्रकरणों की पेशी में वृद्धि।
 वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ बाजार मूल्य की पुनरीक्षित दरें जो एक अप्रैल से लागू होती है, उसे एक मई किया गया।
 राज्य में अल्कोहल आधारित हैण्ड सैनिटाईजर (हैण्ड रब सॉल्यूशन) के औद्योगिक निर्माण के लिए दो डिस्टिलरी को लाइसेंस।
 कोरोना के उपचार में लगे स्वास्थ्य विभाग के अमले को विशेष भत्ता देने का फैसला
 राज्य के सभी निजी संस्थानों, कारखानों, अस्पतालों, मॉल, रेस्टोरेंट आदि के नियोजकों को श्रमिकों की छंटनी नहीं करने और कोरोना पीड़ित या बीमार होने पर संवैतनिक अवकाश के निर्देश।
 निम्नदाब उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग-बिलिंग पर 31 मार्च तक रोक, ‘हाफ रेट पर बिजली योजना’’ के तहत् एक मुश्त दो माह का लाभ दिए जाने का निर्णय।
 पीडीएस वस्तुएं, धान की मिलिंग, डीजल-पेट्रोल, एलपीजी सहित कई अन्य सेवाएं आवश्यक सेवा घोषित।
 आमजन को स्वास्थ्य और अन्य दैनिक जरूरतों की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए राजधानी रायपुर सहित सभी 28 जिला मुख्यालयों में 24 घंटे कंट्रोल रूम संचालित।
 पंजीकृत श्रमिकों एवं कर्मकारों की सहूलियत के लिए राज्य और जिला स्तर स्तर पर हेल्पलाईन नम्बर स्थापित। श्रम विभाग के सचिव राज्य नोडल अधिकारी नियुक्त।
 जिलों में आवश्कतानुसार चिकित्सक एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों की अस्थाई संविदा नियुक्ति का अधिकार जिला कलेक्टरों को सौपा गया।
 राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत सभी संविदा अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवा अवधि 30 जून 2020 तक बढ़ायी दी गई है।
 सभी शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय संस्थानों में एस्मा लागू।
 खाद्य पदार्थो की निरंतर आपूर्ति एवं उपलब्धता के लिए खाद्य उत्पादों से संबंधित सभी फैक्ट्रियों के नियमित संचालन की अनुमति।
 राज्य में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध उपलब्धता, परिवहन, भण्डारण एवं उनके सुचारू वितरण के लिए खाद्य एवं परिवहन विभाग का राज्य स्तरीय संयुक्त कंट्रोल रूम सातों दिन 24 घंटे संचालित।
 राज्य की हर ग्राम पंचायत में जरूरतमंद लोगों के लिए दो क्विंटल चावल की व्यवस्था।
 एफसीआई के सहयोग से व्यापारी और आटा मिलों को निर्धारित दर पर गेंहू की उपलब्धता।
 खाद, बीज और कीटनाशक की दुकानें और पशु, कुक्कुट आहार और फिश फीड का परिवहन लॉकडाउन से मुक्त किया गया है।
 दूध, सब्जी की दुकानों के साथ अनाज मंडी और पेट्रोल पंप जैसे पहले खुले रहते थे, वैसे ही खुले रखने के निर्देश।
 सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजनों के लिए निःशुल्क भोजन की व्यवस्था।
 राज्य के भिखारियों एवं निराश्रित व्यक्तियों को निःशुल्क भोजन की व्यवस्था।
 लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ में 62,172 गरीबों और जरूरतमंद परिवारों को निःशुल्क भोजन और निःशुल्क राशन का वितरण।
 संकटग्रस्त श्रमिकों को 68 लाख रूपए की त्वरित सहायता और 15 लाख रूपए एडंवास वेतन दिलाया गया।
 सीमावर्ती राज्यों से छत्तीसगढ़ लौटने वाले श्रमिकों को राज्य की सीमा पर सुविधाजनक स्थान जैसे स्कूल, आश्रम, हॉस्टल आदि स्थानों में भोजन, ठहरने और स्वास्थ्य जांच की संपूर्ण व्यवस्था। कलेक्टरों राहत शिविरों के लिए आरबीसी 6-4 से व्यवस्था के निर्देश।
 दूसरे राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों के लिए वहीं पर की आवश्यक व्यवस्था और उनके खातों में नगद की व्यवस्था।
 बंद पड़े कारखानों में मजदूरों के लिए कारखाना मालिकों के माध्यम से श्रमिकों के लिए भोजन व रहने की व्यवस्था।
 लॉकडाउन के दौरान बंदियो की संख्या कम करने सजा पूरी कर चुके, पैरोल और अंतरिम जमानत पर 390 कैदी रिहा।
 कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं अन्य आवश्यकता व्यवस्था के लिए विधायक निधि से सहायता।
 राज्य के अधिकारी-कर्मचारियों को मार्च माह का वेतन नए वित्तीय वर्ष के पहले ही सप्ताह में देने के निर्देश।
 किसानों को जरूरी ऐहतियात के साथ अपनी बाड़ियों और खेतों में काम की अनुमति ताकि शहरी इलाकों में भी सब्जियों और जरूरी चीजों की आपूर्ति बनी रहे।
 लॉकडाउन के दौरान राज्य में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के पुख्ता इंतजाम और कालाबाजारी पर कड़ाई से रोक।
 दैनिक मजदूरों और जरूरतमंदों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में आमजन से सहयोग।

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