धार जिले के जंगल में मिला तेंदुए का शावक, इंदौर भेजा

0

 
धार-सरदारपुर

बाग क्षेत्र के गांव करगदा में रविवार सुबह ग्रामीणों को तेंदुए का शावक दिखाई दिया। पहले तो ग्रामीण इसे पहचान नहीं पाए थे। बाद में पहचान होने परवन विभाग को सूचना दी गई। इसके बाद टीम पहुंची और शावक को सुरक्षित किया। वनकर्मी मादा तेंदुए की तलाश कर रहे हैं। इधर, दोपहर में शावक को इंदौर के चिड़ियाघर भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि 15 दिन के इस शावक का इंदौर में इलाज किया गया।

पहले तो ग्रामीणों ने इसे बिल्ली का बच्चा समझा। ऐसे में बच्चे उसके साथ खेल रहे थे, लेकिन जब यह समझ में आया कि यह अलग रंग-रूप वाला है तो तुरंत ही ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी। टीम मौके पर पहुंची और उसको सुरक्षित लेकर बाग पहुंचे। वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन लेने के बाद में इस शावक को तत्काल ही वाहन के माध्यम से इंदौर के चिड़ियाघर रवाना कर दिया गया।

बताया जा रहा है कि यह शावक मादा तेंदुए के साथ में भ्रमण कर रहा था और इसी दौरान अंधेरे में यह भटक कर ग्रामीण क्षेत्र में आ गया। दूसरी ओर अब पुलिस और वन विभाग इस बात पर निगरानी रखे हुए हैं। ताकि मादा तेंदुए के साथ में और भी शावक हों तो उनकी सुरक्षा की जा सके। खासकर वन विभाग का पूरा अमला मादा तेंदुए और उसके अन्य बच्चों की सुरक्षा के लिए तैनात है। इस शावक की आयु 15 दिन बताई जा रही है।
 
इस संबंध में वन विभाग सरदारपुर के अनुविभागीय अधिकारी राकेश डामोर ने बताया कि बाग वन क्षेत्र के पाडलिया के कंपार्टमेंट नंबर 18 के ग्राम करगदा में यह शावक दिखाई दिया। 15 दिन की उम्र का यह शावक अपनी मादा तेंदुआ मां से बिछड़ कर इस गांव की ओर पहुंच गया। बताया कि संभवत रात में जब मादा तेंदुआ भ्रमण कर रही होगी, तब यह बच्चा भटक गया और अंधेरे में गांव की ओर आ गया। हमें जैसे ही इस बात की सूचना मिली वैसे ही हमने अपने वरिष्ठ अधिकारी के साथ-साथ जिला वन अधिकारी को इस बात की जानकारी दी।
 
उन्होंने बताया कि यह तेंदुआ अनुसूची 1 के अंतर्गत है। इसलिए से बहुत ही सुरक्षति तरीके से तुरंत ही इंदौर की चिड़ियाघर भेजा गया। ताकि वहां उसकी देखभाल हो सके। उन्होंने बताया कि इसको लेकर चिंता इसलिए थी क्योंकि स्थानीय स्तर पर इस को दूध पिलाने या अन्य कुछ खिलाने के कारण नुकसान होने की स्थिति बन सकती थी। इसलिए को सुरक्षति तरीके से तुरंत ही इंदौर भेज भी दिया गया।

इधर बताया जा रहा है कि मादा तेंदुआ द्वारा एक बार में कम से कम तीन से चार शावकों को जन्म दिया जाता है। ऐसे में एक बच्चा भटक कर ग्राम करगदा पहुंच गया था। अब यह माना जा रहा है कि 3 शावक और भी है जो कि अभी भी मादा तेंदुए के साथ भ्रमण कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *