करोड़ों का नुकसान, कारीगरों के दिल्ली छोड़ने से कारोबार पड़ा ठप

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 नई दिल्ली                                                                             
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से इन इलाकों में कारोबार ठप सा हो गया है। दूर गांवों से दिल्ली आए कारीगर अपने घरों को लौट गए हैं। बेपटरी कारोबार के कारण करोड़ों का नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। प्रभावित क्षेत्र में दंगों के दंश पर अभिनव उपाध्याय, अभय चौरसिया व ललित कौशिक की रिपोर्ट…

शेरपुर
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में कुटीर व लघु उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। शेरपुर, बिहारीपुर व तुकमीर पुर में बड़े पैमाने पर मशीनों द्वारा कढ़ाई व जरी का काम होता है। दंगों ने इस कारोबार को ठप कर दिया है। चारों ओर बंद दुकानें यहां के हालात बयां कर रही हैं। कढ़ाई का काम बंद होने से धागों की दुकानों का काम भी ठप हो गया है। शेरपुर चौक के पास धागे की दुकान पर बैठे कौशल किशोर उर्फ कालू भाई बताते हैं कि पांच दिन बाद दुकान खोली है सुबह से कोई ग्राहक नहीं है। अधिकांश कारीगर घर चले गए हैं।

करावल नगर
करावल नगर व्यापार एकता मंडल के उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार अरोड़ा ने पांच दिन तक दुकान बंद रहने और हिंसा के दौरान दुकानों के जलने व लूट लिए जाने से 200 करोड़ रुपये के नुकसान होने का दावा किया है। पांच किलोमीटर के दायरे में मुस्ताफाबाद और करावल नगर विधानसभा का इलाका फैला है। जिसमें परचून से लेकर कई रेडीमेड कपड़ों की दुकान शामिल है। हिंसा के समय यह पूरा इलाका प्रभावित था। कई दुकानों को फूंका और लूट लिया गया, जिससे काफी नुकसान पहुंचा है।
 
चांदबाग
चांदबाग में सड़क किनारे करीब 45 दुकानों व मकानों को निशाना बनाया गया है। कुछ दुकानों व मकानों में आगजनी की घटनाएं हुई है। जबकि, कुछ में लूटपाट की गई है। मोरस क्लॉथिंग नाम के शोरूम के दुकानदार इकरामुद्दीन ने बताया कि इनकी इलाके में तीन दुकानें हैं। सोमवार को हिंसा के दौरान उनकी तीनों दुकानों में करीब 90 लाख रुपये की लूटपाट की गई। अब उनका सब कुछ बर्बाद हो चुका है। उनका फिर से अपना इस तरह का करोबार खड़ा करने में करीब 20 साल से अधिक का समय लगेगा।

भजनपुरा मार्केट
भजनपुरा मार्केट दंगे के बाद से बंद पड़ी है। दंगे के बाद से यहां ग्राहकों का आना एकदम बंद हो गया। इस वजह से दुकानदारों को छह दिन में करीब पांच करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार का नुकसान हुआ है। मार्केट के प्रधान चौधरी ओमवीर सिंह और कारोबारी श्रीनिवास शर्मा ने कहा कि बीते रविवार से इलाके का माहौल एकदम बदल गया था। मार्केट के सामने ही चांदबाग है। वजीराबाद रोड, यमुना विहार बी ब्लॉक में पथराव और आगजनी को देखते हुए सुबह से ही मार्केट बंद कर दी गई थी, जो शनिवार तक बंद रही। उन्होंने बताया कि मार्केट में लगभग आठ सौ दुकानें हैं। यहां रोज 50 से 60 हजार लोग सामान खरीदने आते हैं। मार्केट में रेडीमेड कपड़ों, साड़ी शोरूम, ज्वैलर्स तथा अन्य दुकानें हैं।

मौजपुर
मौजुपर इलाके में उपद्रवियों ने कई दुकानों व मकानों को निशाना बनाया। हार्डवेयर व बिल्डिंग सामग्री के दुकानदार राजेश की दुकान में भी आग लगाई गई थी। हालांकि, उन्होंने अपने परिजनों के साथ मिलकर आग पर काबू कर लिया और दुकान जलने से बचा ली। दुकानदार राजेश ने बताया कि हिंसा थमने के बाद शुक्रवार से वह अपनी दुकान खोल रहे हैं, लेकिन दुकान पर ग्राहक नहीं पहुंच रहे। पहले उनकी दुकान पर भीड़ जमा रहती थी। आसपास के इलाके के ग्राहक भी उनकी दुकान पर पहुंचते थे। हिंसा के दौरान उनका लाखों रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है।

मौजपुर रोड पर 350 दुकानें हैं। यहां एक दुकान को जलाया गया था। हिंसा के चलते पांच दिन तक सभी दुकानें बद रहीं, जिससे करीब एक करोड़ रुपये का नुकसान दुकानदारों को हुआ है।
– रमेश कुमार गौड़, उपाध्यक्ष, मौजपुर मार्केट एसोसिएशन

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