बाप-बेटे, चाचा, ताऊ…एक साथ जलीं 24 चिताएं

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कोटा
राजस्थान के बूंदी बस हादसे में मारे गए 24 लोगों के शव कोटा के जवाहर नगर पहुंचे तो चारों तरफ कोहराम मच गया। ये सभी घर से भात की रस्म के लिए सवाई माधोपुर जा रहे थे, लेकिन जब 9 ऐंबुलेंस में लौटकर आए तो परिवार और पड़ोसियों की चीखें निकल गईं। मरने वालों में से 21 आपस में रिश्तेदार थे, जिनका अंतिम संस्कार भी एक साथ हुआ। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी हादसे की सूचना पाकर कोटा पहुंचे। एक साथ इतनी चिताओं को जलते देख ओम बिरला की आंखें भी नम हो गईं।

सभी 21 रिश्तेदारों का अंतिम संस्कार किशोरपुरा मुक्तिधाम में हुआ। मरने वालों में दो परिवार ऐसे थे, जिनमें पति-पत्नी और उनके एक-एक बच्चे की भी हादसे में मौत हो गई। वे सभी घर से भात की रस्म में गए थे, जिसमें होने वाली दुलहन की मां को भेंट दी जाती है। इसके अलावा 2 शवों को बारां जिले के पलायथा गांव और कोटा के श्रीनाथपुरम इलाके में भेज दिया गया। वहीं 4 साल की कन्नू के शव को दफनाया गया।
बच्चों की परीक्षा के कारण रस्म में नहीं गया परिवार
वहीं दो भाई अशोक और नरेश का परिवार बच्चों की परीक्षा के कारण भात में नहीं गया था। इसलिए हादसे में इनका परिवार तो बच गया, लेकिन इनकी दो बहनों की मौत हो गई। दोनों शादीशुदा थीं। मरने वालों में अधिकतर रिश्तेदार थे और कोटा में अलग-अलग रहते थे। परिजनों ने तय किया सभी का अंतिम संस्कार नरेश और अशोक के घर से होगा। सभी 21 शवों को यहां लाया गया और अंतिम यात्रा निकाली गई।

ओम बिरला भी पहुंचे श्मशान घाट
हादसे की सूचना पाकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी कोटा पहुंचे। लोकसभा अध्यक्ष एयरपोर्ट से सीधे किशोरपुरा मुक्तिधाम पहुंचे और अंत्येष्टि में शामिल हुए। एक साथ इतनी चिताओं को जलते देख लोकसभा अध्यक्ष की आंखें भी नम हो गईं।

बुधवार सुबह हुआ था हादसा
बता दें कि बस बुधवार को कोटा से सवाईमाधोपुर करीब 28 बारातियों को लेकर जा रही थी। रास्ते में बूंदी जिले के लखेरी में पापड़ी गांव के पास एक पुल पर सुबह करीब 10 बजे बस चालक का नियंत्रण खो गया और बस मेज नदी में जा गिरी। 13 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 11 ने अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ दिया। बताया गया है कि जिस पुल पर यह हादसा हुआ, उस पर कोई रेलिंग नहीं थी।

मृतकों को 2-2 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान
इसके बाद सीनियर पुलिस अधिकारी और राहत एवं बचावकर्मी भी मौके पर पहुंचे। हादसे में जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया गया।

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