क्यों नहीं मिल रहे चिरमिरी में जमींन के पट्टे :रेड्डी

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जोगी एक्सप्रेस

महापौर ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर रखा पक्ष, पीसीसीएफ को अनापत्ति का हुआ निर्देश

चिरमिरी। नगर पालिक निगम चिरमिरी के वार्ड क्रमांक 01 में वन भूमि पर वर्षों से काबिज लोगों को मूलभूत सुविधाएं दिलाने व यहां विकास कार्य कराए जाने के संबंध में वन विभाग से अनापत्ति के लिए महापौर के. डोमरू रेड्डी ने प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मुलाकात कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया है। चिरमिरी के साजा पहाड़, चित्ताझोर, नवापारा, लामीगोडा, पल्थाजाम जैसे क्षेत्र पूरी तरह वन भूमि में काबिज होने के कारण नगर निगम के सीमा में होने के बावजूद भी कई विकास कार्य करा पाने में निगम प्रशासन को आ रही दिक्कतों को गिनाते हुए महापौर के द्वारा सौम्पे पत्र पर मुख्यमंत्री द्वारा वन विभाग को पत्र भेजकर अनापत्ति प्रदान करने हेतु निर्देशित किया गया है।

महापौर ने कहा कि वनाधिकार कानून लागू होने के बाद भी वर्षों से वन भूमि पर रह रहे ग्रामीणों को आज तक पट्टा नहीं मिला है। वार्ड नंबर 1 के ग्रामीण क्षेत्रों से रोजगार की तलाश में हजारों लोग पलायन कर रहे हैं।
बड़ी संख्या में आदिवासी सहित अन्य समाज के लोग लम्बे समय से वनभूमि पर काबिज हैं। जिस दिशा में राजनैतिक इच्छाशक्ति के कमी के कारण स्थानीय स्तर पर कभी योजना न बन पाने के कारण राज्य सरकार द्वारा उनको वनभूमि का पट्टा देने कोई पहल नहीं की गई है। जिसके चलते वनभूमि में काबिज किसान आज दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं। वहीं इन ग्रामीणों को राज्य सरकार की योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल रहा है।

मुख्यमंत्री से मिल कर वापस आकर महापौर श्री रेड्डी ने बताया कि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के बैढ़न (सिंगरौली) और शहडोल अनूपपुर जिले  में वर्षो  से वन एवम् राजस्व भूमि भूमि पर काबिज लोंगो को भू-अधिकार पत्र दिलाने की पहल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई थी, जिसका लाभ उस क्षेत्र के कोयलांचल क्षेत्र में रह रहे लोगों को भी मिला और मिल रहा इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार को भी इस दिशा में प्रभावी पहल किये जाने की आवश्यकता है। जिसके लिए एक महापौर के रूप में उनका प्रयास सतत् रूप से जारी है, ताकि पलायन की स्थिति को रोका जा सके और भू-अधिकार पत्र मिलने से उसी जमीन पर वर्षो से काबिज लोग अतिक्रमणकारी नही कहे जाएंगे और ये लोग शासन की योजनाओं का भी लाभ ले सकेंगे। लोग अपनी क्षमता और इच्छा अनुसार अपना घर बना सके।

ज्ञात हो कि चिरमिरी साजा पहाड़, लामीगोड़ा, नवापारा, चित्ताझोर, पल्थाजाम सहित, वार्ड क्रमांक एक में सैकड़ो ऐसे लोग हैं जो लगभग 40 वर्षों से वन भूमि पर काबिज हैं। जहॉं पर वन विभाग का अनापत्ति न मिलने के कारण निगम क्षेत्र होते हुए भी इन इलाकों में विकास कार्य कराए जाने में परेशानी हो रही है।शासन के इस पत्र ने निगम क्षेत्रवासियों के लिए एक उम्मीद की किरण साबित हो रही है।

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