शाहीन बाग के प्रदर्शन का 57वां दिन, जानिए क्या हुआ जब प्रदर्शनकारियों ने छोड़ा रास्ता

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नई दिल्ली

दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर पिछले 57 दिनों से जारी प्रदर्शन के चलते दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली सड़क 13 A बंद पड़ी हुई है। रविवार को शाहीन बाग से एक शव यात्रा निकलने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने रास्ता खाली कर दिया।प्रदर्शकारियों का कहना है कि हम एक दूसरे की इज्जत करते हैं और इसलिए हमने वहां से शव यात्रा को निकलने के लिए रास्ता दिया। उनका कहना है कि हमने कोई अनोखा काम नहीं किया है। हमनें बस और एंबुलैंस को भी रास्ता दिया है। आपको बता दें कि बंद पड़े रास्ते 13 A को खुलवाने को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच चुका है और कोर्ट 10 फरवरी को इस मामले में सुनवाई करेगा। 

 

लंगर लगाने के लिए बेचा फ्लैट

शाहीन बाग व दिल्ली में अन्य जगह चल रहे सीएए, एनआरसी व एनपीआर के विरोध में चल रहे प्रदर्शनस्थल पर लंगर लगाने वाले पेशे से अधिवक्ता डीएस बिंद्रा का दावा है कि इसके लिए उन्होंने अपना एक फ्लैट बेच दिया है। उनके पास दो फ्लैट हैं एक में अभी वह रहते हैं। उनका कहना है कि प्रदर्शन में लोगों की सेवा के लिए उन्होंने ऐसा किया है। किसी धार्मिक स्थल पर आर्थिक दान देने से अच्छा है कि वाहे गुरु ने जो उन्हें दिया है उसे मानवता की सेवा लगा दिया जाएग। 

 

बिंद्रा शाहीन बाग के अलावा खुरेजी व मुस्तफाबाद में भी लंगर चला रहें हैं। उन्होंने बताया कि लंगर चलाने में ओर लोग भी उनकी मदद करते हैं। वह किसी ने नगद पैसे नहीं लेते कोई सब्जी, कोई व्यक्ति आटा जो उसकी इच्छा होती है लंगर स्थल पर दे जाता है। बिंद्रा के मुताबिक जब लंगर के लिए उनकी जमा पूंजी कम पड़ी तो उन्होंने दिल्ली में स्थित अपना एक फ्लैट बेचने की सोची। इस बारे में अपने बच्चों की राय ली तो उन्होंने कोई एतराज नहीं जताया। उनकी एक बेटी है जो एमिटी यूनिवर्सिटी से एमबीए कर रही है। बेटे की मोबाइल की दुकान है। 

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