शंघाई के अधिकारियों का खुलासा- हवा में तैरकर लोगों को संक्रमित करने लगा है करॉना वायरस

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शंघाई
करॉना वायरस के फैलने को लेकर ऐसा खुलासा हुआ है जो दुनियाभर की सरकारों एवं स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोगों की नींद उड़ा सकता है। शंघाई के अधिकारियों ने बताया है कि करॉना वायरस अब हवा में मौजूद नमी में मिलकर संचरण करने लगा है और वह हवा में तैरते हुए दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर रहा है जिसे एयरोसोल ट्रांसमिशन कहा जा रहा है। अब तक वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के कारण बीमारी होने की ही बात कही जा रही थी। हां, संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने से पास के व्यक्ति में संक्रमण पहुंचने की भी पुष्टि पहले ही हो चुकी है।

शंघाई सिविल अफेयर्स ब्यूरो के डेप्युटी हेड ने बताया, 'एयरोसोल ट्रांसमिशन का मतलब है कि वायरस हवा में मौजूद सूक्ष्म बूंदों से मिलकर एयरोसोल बना रहा है। मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इससे सांस लेने के कारण संक्रमण हो रहा है।' उन्होंने आगे कहा, 'इसके मद्देनजर हमने लोगों से अपील की है कि वो पारिवारिक सदस्यों से संक्रमित होने के से बचने के उपायों को लेकर अपनी जागरूकता बढ़ाएं।'
एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रत्यक्ष संचरण (डायरेक्ट ट्रांसमिशन) का मतलब है कि संक्रमित व्यक्ति अगर छींक या खांस रहा है तो पास के व्यक्ति के सांस लेते वक्त वायरस उसमें प्रवेश कर जाएगा। वहीं, संपर्क संचार (कॉन्टैक्ट ट्रांसमिशन) तब होता है जब कोई व्यक्ति वैसी कोई वस्तु छूकर अपना मुंह, नाक या आंख स्पर्श करता है जिसमें वायरस युक्त सूक्ष्म बूंदें चिपकी होती हैं।

चीन की सरकार ने लोगों से अपील की है कि वो एक जगह इकट्ठा होने से बचें, हवा के आर-पार होने के लिए खिड़कियां खोलें, साफ-सफाई का ध्यान रखें और घर में छिड़काव और सफाई करते रहें, खासकर दरवाजों के हैंडल, खाने के टेबल और टॉइलट सीट आदि की। गौरतलब है कि दिसंबर महीने में चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ करॉना वायरस 811 लोगों की जान ले चुका है।

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