OMG..गोहपारु वनपरिक्षेत्र के अमझोर में बिना PM के भालू का कर दिया गया दाह संस्कार:  वन विभाग पर लगा सवालिया निशान

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जोगी एक्सप्रेस 

शहडोल ,अखिलेश मिश्राशहडोल  जिले के गोहपारु वनपरिक्षेत्र के अमझोर के RF 685 गोड़ना नाला के किनारे एक भालू का दाह संस्कार करने का मामला सामने आया है जानकारों की माने तो बीते दिनों एक  भालू की मौत हुई थी और  वन परिक्षेत्र अधिकारी  के कहने पर भालू का दाह संस्कार करवा दिया गया था,परंतु मामला मिडिया में आने से परत दर परत रोज नए रहस्ययोदन करने वाली बाते सामने आ रही है ,   जानकारी के मुताबिक भालू का दाह संस्कार तो करवा दिया गया लेकिन भालू की मौत के बाद ना तो भालू का PM हुआ और ना ही कोई मेडिकल हुआ बावजूद इसके  रेंजर ने अपनी मनमानी करते हुए भालू का दाह संस्कार करवा देना क्या सही था ?…..
इस तरह की  बड़ी घटनाओ से सवाल उठाना भी लाजिमी है , इसी तरह चलता रहा तो  निश्चय ही एक दिन जंगलो  से सारे जानवार विलुप्त हो जायेंगे,वही सूत्रों की माने तो  अधिकारियो की मिलीभगत से वन छेत्र के समस्त वन्यजीवों को  असमय ही बेमौत मरना पड़ रहा है और इन बेजुबानो की हत्या के पीछे किसका हाँथ है यह तो जाँच के बाद ही पता चलेगा  ,
जानकारों की माने तो भालू की मौत के पीछे वन्यजीव तस्करों का हाथ भी हो सकता है सूत्रों  ने बताया की जब भालू  की मौत की खबर मिली तो आस पास के गावो  से लोग भालू देखने गए हुए थे जहाँ पर भालू  के शारीर से नाखून गायब थे व उसके पंजो से खून रिस रहा था ,वही उसके मुँह से झाग व खून काफी मात्रा में आसपास फैला हुआ था ,

 क्या कहता है नियम…

वन विभाग के नियमों की माने तो यदि जंगल में किसी भी जानवर की मौत होती है तो उसका मेडिकल करवाना अनिवार्य है और यहां ना तो मेडिकल हुआ और ना ही PM हुआ  वन परिक्षेत्र अधिकारी गोपाल द्वारा दशहरे के दिन हुए भालू की मौत के बाद मामले को दबाते हुए भालू का दाह संस्कार करवा दिया जबकि विभागीय अमले की माने तो जानवर का PM होना अनिवार्य है लेकिन वन परिक्षेत्र अधिकारी गोहपारू ने ऐसा क्यू नहीं किया इसका ठोस जवाब किसी के पास नहीं है .

बिना पोस्टमार्टम के हुआ दाह संस्कार …. 

बीते दिनों वन परिक्षेत्र गोहपारू के जंगल में एक भालू की मौत हुई जिसके बाद बिना पोस्टमार्टम किए ही उस का दाह संस्कार करवा दिया गया,वही  जानकारों की माने तो  वन परिक्षेत्र अधिकारी गोहपारु के कहने पर हीरालाल पनिका वीट गार्ड सकरिया व चौकीदार कल्याण उर्फ लल्ला के साथ ही मीना बीट गार्ड दीया पीपर ने मिलकर भालू का अंतिम संस्कार करवा दिया गया , जो की जाँच का विषय है , जिसके बाद यह खबर चर्चा में आई और भालू की मौत का सच सामने आया

तो क्या नहीं होगी कार्यवाही…

सूत्रों की माने तो वन परिक्षेत्र अधिकारी गोहपारू की शिकायतें अब आम हो गई है  उनके कारनामे जग जाहिर है ,  बावजूद इसके इन पर वरिष्ठ अधिकारियों की कृपा बरस रही है और यही कारण है कि वन परिक्षेत्र अधिकारी गोहपारू के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं हो पा रही है आलम यह है कि कुछ माह पूर्व तेंदुए की मौत का मामला भी सामने आया था लेकिन अधिकारियों से अच्छी खासी पैठ होने के कारण कार्यवाही ठंडे बस्ते में डाल दिया गया ,

इनका कहना है….

मामले के संदर्भ में आपने मुझे जानकारी दी है, हालांकि ऐसा कुछ नही हुआ है।  अभी तक तो मुझे कोई जानकारी नही मिली  है ।
पुष्पा सिंह 
वन परिक्षेत्र अधिकारी गोहपारू 

रिपोर्टर :अखिलेश  मिश्रा शहडोल

MOB:7987809061

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