चारा घोटाला: लालू की जमानत याचिका खारिज

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रांची
चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार से धन के गबन के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) चीफ लालू यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी है। इस मामले में शुक्रवार को न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने सुनवाई पूरी की और लालू की जमानत याचिका इस आधार पर खारिज कर दी कि अभी उन्होंने सीबीआई अदालत द्वारा दी गई सजा की आधी अवधि न्यायिक हिरासत में पूरी नहीं की है। वहीं, हाई कोर्ट ने चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार से गबन के मामले में पूर्व जेडीयू सांसद जगदीश शर्मा को जमानत दी।

सीबीआई अदालत ने लालू को इस मामले में भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) के तहत सात-सात वर्ष की कैद की सजा सुनाई है। इसका मतलब है कि इस मामले में लालू को कुल 14 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। इस मामले की सुनवाई पिछली दो तारीखों से हाई कोर्ट में द्वितीय पारी में शोक सभा के चलते नहीं हो सकी थी।

दो बार टल गई थी जमानत याचिका पर सुनवाई
लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई पहले 22 नवंबर को और फिर 29 नवंबर को दोपहर बाद होनी थी लेकिन हाई कोर्ट के अधिवक्ता के निधन के चलते द्वितीय पारी में न्यायालय में शोक सभा हुई और सुनवाई नहीं हो सकी थी। सीबीआई ने इस मामले में पहले ही अपना जवाब न्यायालय के समक्ष दाखिल कर दिया है, जिसमें उसने लालू को भ्रष्टाचार के इस मामले में जमानत दिए जाने का सख्त विरोध किया है।

सीबीआई ने लालू प्रसाद की जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि लालू प्रसाद ने दुमका कोषागार मामले में जमानत याचिका दाखिल की है। इस मामले में लालू ने मात्र 22 महीने ही जेल में बिताए हैं। ऐसे में सजा की आधी अवधि भी पूरी नहीं हो रही है जबकि सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में उनकी याचिका खारिज कर चुका है। जहां तक उनके स्वास्थ्य की बात है तो रिम्स के चिकित्सक लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर रख रहे हैं। 15 बीमारियां होने के बाद भी फिलहाल उनकी जान को कोई खतरा नहीं है। इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जाए।

रिम्स अस्पताल में हो रहा है लालू यादव का इलाज
हालांकि, लालू प्रसाद की ओर से बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत की गुहार लगाई गई थी। अंततः शुक्रवार को हाई कोर्ट ने सीबीआई की दलील मान ली और लालू प्रसाद की जमानत याचिका खारिज कर दी। झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह ने मामले में 8 नवंबर को लालू के वकीलों की दलील सुनी थी, जिसमें मुख्य रूप से उन्होंने लालू की उम्र और उनके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्हें जमानत दिए जाने का अनुरोध किया था। लालू चारा घोटाले के चार विभिन्न मामलों में सजायाफ्ता हैं और फिलहाल बिरसा मुंडा कारागार के माध्यम से रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं और इलाज करा रहे हैं।

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