राजनगर थाना प्रभारी ने नहीं किया अवैध कारोबारियों का अभिषेक ,अब पोस्टर के जरिये निकाळ रहे खुन्नस

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रात के अंधेरे में अवैध कारोबारी जागते रहे और देते रहे गुर्गो को पोस्टर लगाने के आदेश ,इस तरह दे सकते है कभी बड़ी घटना को अंजाम ,साजिश और सडयंत्र का मास्टर माइंड कौन …………………….. 

जोगी एक्सप्रेस 

शुभम तिवारी अनूपपुर

राजनगर पुलिस के कामकाज से लोग नाराज या अवैध कारोबारियों  का गुस्सा कहें या फिर किसी शरारती तत्वों की बदमाशी। राजनगर में बीते दिनों  अज्ञात लोगों द्वारा नगर भर में राजनगर पुलिस के विरुद्ध व्यंग कसते पोस्टर लगाए गए  पूरे मामले में सोंचने वाली बात यह है की क्या गरीब व परेशान जनता को इस तरह रात के अंधेरे में पोस्टर लगाने की जरूरत आन पड़ी?…….
अबी  तक तो यही देखा गया है कि यदि जनता को समस्या है तो वो अपनी समस्या आला अधिकारियों तक पहुंचती है किंतु इस प्रकार के पोस्टर छपवाना और  लगवाना ये तो किसी की सोंची समझी साजिश का एक  हिस्सा मालूम पड़ता है । गौरतलब है पत्रकारों और नेताओं के आवाज उठाने के कारण राजनगर में प्रभार लेने वाले थानाप्रभारी द्वारा अवैध कारोबारी कोल माफिया का अभिषेक न करने पर तो कही ये साजिश नहीं रची गई ?वही थाना प्रभारी के लगाये अंकुश की चुभन से  अवैध कारोबारियों की मिली भगत का नतीजा तो नहीं,गौर तालाब बात ये है की आज की भाग दौड़ भारी जिंदगी में किसे इतनी फुर्सत की इस तरह के पोस्टरों की आड़ में कही खुद का अभिषेक तो नहीं कराना चाहते अवैध कारोबारी !

खुद की भडास ,जनता का चोला 

नगर की दीवारों लगवाये गए पोस्टर लगाए पर लोगो का कहना  है की नगर में लगातार हो रही चोरियो को रोकने में पुलिस नाकाम रही है। इसके अलावा अवैध वसूली और निर्दोषों को जानबूझ कर तंग करने के भी आरोप पुलिस पर लगाए जा रहे है। जबकि सूत्र यह भी  बताते है की यह थाना प्रदेश के अंतिम छोर में होने की वजह से काफी ज्यादा पुलिस के लिए चुनौतीयो  से भरा हुआ है थाना क्षेत्र से चंद किलो मीटर पर नक्सल प्रभवित छत्तीसगढ़ की सीमा है जहां पर पुलिस के लिए हमेशा चुनौती बनी होती है। 
जिस कारण विभिन्न अवैध कारोबारी सीमा पर रह कर अवैध कारोबार को सह देते है ऐसे में कंही इन कारोबारियों पर हुई कार्यवाही थाना प्रभारी पर भारी तो नही पड़ रही हैं।जानकारों की माने तो इन दिनों अवैध कोयले कबाड़ पर  कसी गई लगाम दो नंबर के कार्यो में लिप्त लोगो के लिए मुसीबत का सबब बन गई थी ,जिस पर अब  इन  अवैध कारोबारियों  द्वारा पोस्टर छपवा कर अपने ख़ास गुर्गो के माध्यम से चस्पा करा रहे ,ताकि नगर की भोली भाली जनता को भ्रम में डाल कर  फिर से अपने  अवैध कार्यो की तरफ से ध्यान भटकाये रख सके ! 

इतनी माथापच्ची करेगा कौन ????

कहावत बनी हुई है की सिक्के के दुसरे पहलु पर भी गौर करे तब तो इन्साफ होगा, यदि अवैध कारोबारीयो  का अभिषेक करना पुलिस महकमे को बदनाम करने पर तुला हुआ है,तो क्या इस तरह के पोस्टर लगाने वालो के खिलाफ पुलिस अब तक मौन क्यू ? इस तरह तो कभी भी कोई भी पोस्टर छपवा कर किसी भी इमानदार की छवी धूमिल  कर सकता है ,सडयंत्र और साजिश कुछ पल तो सच्चाई को छुपा सकती है पर हमेशा सडयंत्रकारी कामयाब होगा इसकी कोई गारंटी नहीं , राजनगर पुलिस के विरुद्ध जो मुहिम अवैध कारोबारियों  ने चलाई  है उसके पीछे किसकी साजिश है यह कह पाना तो मुश्किल है पर एक बड़ा सवाल यह भी है की आखिर पुलिस के विरोध में व्यंग करते कई पोस्टर के पीछे इतनी रकम किसने खर्च की है??? शहर में एक नहीं कई अलग अलग जगहों पर  पोस्टर लगाए गए है,  निश्चित रूप से इन पोस्टरों को बनवाने वाला एक बड़ा कारोबारी हो सकता है जो अपनी व्यक्तिगत दुश्मनी को पोस्टरों के माध्यम से कैश करना चाह रहा है?

नोट ; अगले अंक में पढ़े शाजिशो के आगे भी है कुछ और ………………………..

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